जिले में एक हजार हिस्ट्रीशीटर, बन रही कुंडली

बस्ती : अपराध व अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने एक नया तरीका निकाला है। इसके लिए दस वर्ष पु

By Edited By: Publish:Fri, 27 Feb 2015 10:17 PM (IST) Updated:Fri, 27 Feb 2015 10:17 PM (IST)
जिले में एक हजार हिस्ट्रीशीटर, बन रही कुंडली

बस्ती : अपराध व अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने एक नया तरीका निकाला है। इसके लिए दस वर्ष पुराने हिस्ट्रीशीटरों को चिन्हित किया जा रहा है। अब तक जिले में एक हजार अपराधी चिन्हित किए जा चुके हैं। इनके बारे में पुलिस गोपनीय ढंग से ब्योरा एकत्र कर रही है। यही नहीं ऐसे अपराधी जिनकी पूर्व में हिस्ट्रीशीट रही है और वे अपराध छोड़ चुके हैं उनका भी ब्योरा पुलिस रखेगी। जबकि ऐसे अपराधियो की हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी जो पिछले पांच वर्षो से जरायम की दुनिया में कारगुजारियों को अंजाम दे रहे हैं।

लगातार बढ़ रहे अपराध पर अंकुश लगाने की नई पहल जिले के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार वर्मा ने की है। इसके तहत जरायम की दुनिया में अपनी धमक कायम कर घटनाओं को अंजाम देने वाले अब पुलिस की नजरों से नहीं बच सकेंगे। वह इस नाते कि पुलिस अधीक्षक बीटवार व गांव वार सूची तैयार करा रहे हैं। इसमें ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है जो गांव में तो रहते हैं मगर उनकी गतिविधियां संदेहास्पद हैं। पुलिस ने ऐसे एक हजार लोगों को चिन्हित किया है। इनके खिलाफ पुलिस नए सिरे कार्रवाई की रणनीति बना रही है। इनमें ऐसे भी अपराधी मिले हैं, जिनकी हिस्ट्रीशीट अब तक नहीं खुल सकी है। पुलिस अधीक्षक वर्मा की इस नई रणनीति से अपराधियों के होश तो उड़ ही गए हैं। उनकी भी नींद उड़ी है जो पूर्व में एचएस थे और अब वे सब कुछ छोड़ पारिवारिक जीवन में कदम रख चुके हैं। क्योंकि पुलिस अधीक्षक ने दस वर्ष पूर्व अपराधों में शामिल हिस्ट्रीशीटरों की भी तलाश शुरू कर दी है। इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं बल्कि उनका विस्तृत ब्योरा रजिस्टर में अंकित करेगी। वे वर्तमान में क्या कर रहे हैं। उनका मोबाइल नंबर व जिस संस्था में कार्य कर रहे हैं अथवा जो कार्य कर रहे हैं उसका ब्योरा भी पुलिस जांचेगी।

पुलिस अधीक्षक वर्मा ने कहा कि पुलिस की मंशा केवल अपराध व अपराधियों पर अंकुश लगाना है। किसी को बेजा परेशान करने की कोई जरूरत नहीं है। अपराध से विमुख हो चुके लोगों का ब्योरा इस नाते एकत्रित किया जाएगा कि कहीं ऐसा तो नहीं वे गुपचुप ढंग से भी उसी कार्य में जुटे हैं। फिलहाल पांच वर्ष से आपराधिक घटनाओं में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल एक हजार की सूची बन कर तैयार है। इनकी हिस्ट्रीशीट नए सिरे से खोल कार्रवाई की रणनीति बनाई जा रही है। इससे जहां अपराधों पर अंकुश लगेगा, वहीं जिले के हर अपराधी की गतिविधियों पर पुलिस की नजर रहेगी। जो जरायम की दुनिया से नाता तोड़ चुके हैं उनका भी ब्योरा तैयार किया जाएगा, जिससे उनके बारे में पुलिस को जानकारी रहे और उन्हें बेवजह परेशान न होना पड़े।

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