संग्रहालय में रखे गए प्राचीन सिक्के की हुई जांच

By Edited By: Publish:Thu, 31 Jul 2014 10:59 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jul 2014 10:59 PM (IST)
संग्रहालय में रखे गए प्राचीन सिक्के की हुई जांच

जागरण संवाददाता, बस्ती : मंडलीय संग्रहालय में रखे गए पुरातात्विक महत्व के प्राचीन सिक्कों और धातुओं की गुरुवार को मुद्रा शास्त्र अधिकारी डा.यशवंत सिंह राठौर ने जांच की। जांच में संग्रहालय में रखी गई वस्तुओं का मिलान करने के बाद फिर से उसी सील कर रख दिया गया।

पुरातात्विक महत्व के ये सिक्के मंडलीय संग्रहालय बस्ती में एक आलमारी में रखे गये थे। बीते नौ वर्षो से इस आलमारी की चाभी गायब होने पर इसके गायब होने की आशंका जताई जाने लगी। दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे गंभीरता से लिया और इसकी जांच के आदेश दे दिए। जांच राज्य संग्रहालय के मुद्रा शास्त्र अधिकारी डा.यशवंत सिंह राठौर को सौंपी गई। गुरुवार को दोपहर बाद यहां पहुंचकर राठौर ने अपर आयुक्त आत्माराम सगर और नायब तहसीलदार अखिलेश सिंह की मौजूदगी में संग्रहालय में रखे गए सामानों का सत्यापन किया। संग्रहालय में पुराने सिक्के,तलवार,गले का हार,हाथ का कंगन और लोहे के तमाम धातु रखे गए हैं।

यहां रखे गए प्राचीन सिक्के बुद्धकालीन, मुगलकालीन और ब्रिटिश कालीन समय के हैं। इन सिक्कों से महत्वपूर्ण नये ऐतिहा सिक खुलासे हो सकते हैं। मंडलीय संग्रहालय समिति के मंडलायुक्त पदेन अध्यक्ष होते हैं। लिहाजा इसे आयुक्त कार्यालय के संग्रहालय में रखा गया था।

यूं आई इन सिक्कों की सुधि: सिद्धार्थनगर के विभिन्न हिस्सों से बरामद प्राचीन सिक्कों को कपिलवस्तु स्थित बौद्ध संग्रहालय में रखे जाने के लिए 18 मई 2005 को तत्कालीन जिलाधिकारी सी.एस. वर्मा ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मैसूर के एपिग्राफी निदेशक के.भ. भाद्रि को पत्र भेजकर उन सिक्कों के काल एवं लिपि वगैरह की जानकारी मांगी थी। पत्र के जवाब में सिक्कों को उपलब्ध कराने की बात कही गयी। इसके बाद जब छानबीन की गई तो पता चला कि मंडलीय संग्रहालय के एक आलमारी में रखी गई थी, जिसकी चाभी कहां हैं, किसी को नहीं पता है।

chat bot
आपका साथी