झुमके वाली स्मार्ट सिटी में लोग भी बनेंगे स्मार्ट, करेंगे कुछ ऐसा
बहुत नुकसान पहुंचाया है इस पॉलीथिन ने। अब इसे दरकिनार कर दें।
जेएनएन, बरेली : बहुत नुकसान पहुंचाया है इस पॉलीथिन ने। बाजार के जरिए घरों में दाखिल हुई और फिर पर्यावरण से लेकर सेहत तक पर वार किए। स्मार्ट सिटी में शहर का चयन दीपावली के पहले से लोगों के लिए बड़ा उपहार है। अब जिम्मेदारी हमारी-आपकी है। रोशनी के पर्व पर पॉलीथिन को बाहर का रास्ता दिखाने का संकल्प लें। स्वयं तो पॉलीथिन का उपयोग त्यागने के साथ ही अपने परिचितों, मित्रों, रिश्तेदारों को भी प्रेरित करें, ताकि इस गंदगी को हमेशा के लिए साफ किया जा सके।
पॉलीथिन में न दें और न लें उपहार
दीपावली पर लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। घर जाकर उपहार देते हैं। यहीं से लोगों की भूमिका शुरू होगी। करना सिर्फ इतना है कि पर्व पर न तो किसी को पॉलीथिन में रखकर उपहार दें और न ही खुद स्वीकार करें। बल्कि, उपहार भेंट करने वाले व्यक्ति को भी पॉलीथिन का उपयोग न करने के लिए प्रेरित करें। उन्हें पॉलीथिन के दुष्परिणाम भी बताएं तभी हम शहर को स्मार्ट बनाने के प्रयास में सक्रिय योगदान दे सकते हैं।
घातक इतनी कि जमीन को बना रही बंजर
प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त को ही 40 माइक्रॉन तक की पॉलीथिन के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। मानक से कमतर पॉलीथिन को रीसाइकिल तक नहीं किया जा सकता है। यह बायोडिग्रेडेबल तत्व है, यानी नष्ट नहीं किया जा सकता। जलाने पर जहरीली गैस से वातावरण तो प्रदूषित होता ही है, जमीन को भी बंजर बना रही है। यह भी कर सकते हैं:-
- एक दूसरे को पॉलीथिन छोड़ने की शपथ दिलाएं
- लोगों को घर से थैला साथ लेकर चलने को प्रेरित करें
- सामाजिक और व्यापारिक संगठन जिम्मेदारी का निर्वहन कर कपड़े के थैले बंटवाएं
- दुकानदार भी अपनी फर्म के नाम के पॉलीथिन कैरीबैग के बजाय कपड़े के थैले छपवाएं
वर्जन.
पॉलीथिन के खात्मे को कार्रवाई के साथ ही जन जागरूकता जरूरी है। जल्द ही पार्षदों, एनजीओ आदि की मदद से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। लोगों को पॉलीथिन छोड़ने की शपथ दिलाई जाएगी।
राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त