केबीसी में 50 लाख जीतने वाले देवरनिया के लाल के घर नहीं है बिजली

गांव की पगडंडियों पर चल कर बड़े हुए तेज बहादुर ने जब से होश संभाला तब से ही पिता के कंधों के भार को वह महसूस करने लगे। लॉकडाउन में पिता की नाैकरी चले जाने के बाद तेज एकदम से हताश हो गए।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 06:35 AM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 01:35 PM (IST)
केबीसी में 50 लाख जीतने वाले देवरनिया के लाल के घर नहीं है बिजली
लाॅकडाउन में चली गई थी पिता की नौकरी

बरेली, जेएनएन। आपको जानकर हैरानी हाेगी कि देवरनिया के जिस लाल ने कौन बनेगा करोड़पति में 50 लाख रुपये जीते हैं उसके घर में बिजली का कनेक्‍शन तक नहीं है। देवरनिया के लाल तेज बहादुर का घर भी टूटा-फूटा है। बिजली न होने का कारण आर्थिक तंगी है। कहते हैं कि यदि पापा कनेक्शन लेते तो बिल का संकट खड़ा होता। लिहाजा, लालटेन जलाकर पढ़ाई कर लेता हूं। पढ़ाई होनी चाहिए बस।

गांव की पगडंडियों पर चल कर बड़े हुए तेज बहादुर ने जब से होश संभाला, तब से ही पिता के कंधों के भार को वह महसूस करने लगे। लगन से पढ़ाई करने लगे। संसाधनों की कमी का कभी मलाल नहीं किया, लेकिन लॉकडाउन में पिता की नाैकरी चले जाने के बाद तेज एकदम से हताश हो गए। घर में आर्थिक संकट खड़ा हो गया। इन दुश्वारियाें के बीच भी तेज ने हार नहीं मानी और गांव के लाल ने नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। तेज की कहानी बड़ी ही ममस्पर्शी है।

मां राजकुमारी गृहणी हैं। पिता चरन सिंह निजी स्कूल में शिक्षक थे। करीब 30 किलोमीटर साइकिल चलाकर वह स्कूल पढ़ाने जाते थे। 55 सौ रुपये उनकी तनख्वाह थी। जिसमें से करीब दो से ढाई हजार रुपये सिर्फ तेज की पढ़ाई में खर्च हो जाते थे और बाकी पैसे दूसरे बेटे की पढ़ाई और घर खर्च में। लॉकडाउन ने यह सहारा भी छीन लिया, पिता की नौकरी चली गई। पिता को पहली बार हताश देख तेज ने बड़े बेटे का फर्ज निभाते हुए ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। खेती-बाड़ी में हाथ बंटाने लगा। बचे समय में पढ़ाई करने लगा। इसी दौरान केबीसी के रजिस्ट्रेशन शुरू हुए। जिसके बाद से ठान लिया था कि यदि अब सपने पूरे हो सकते हैं तो केबीसी से।

छोटे भाई को पढ़ाऊंगा, बाकी पैसे मम्मी-पापा को दे दूंगा

तेज कहते हैं कि छोटा भाई उपेंद्र बीएससी कर रहा है। केबीसी से जो पैसे जीतूंगा वह खुद और भाई की पढ़ाई में खर्च करूंगा। बाकी पैसे मम्मी-पापा को दे दूंगा। आखिर पापा ने दोनों भाइयों की पढ़ाई के लिए ही तो कर्ज ले रखा है, वह भी चुकता हो जाएगा।

आइएएस बनकर देश सेवा करने का है सपना

तेज का सपना आइएएस बनकर देश सेवा करने का है। कहते हैं कि सबके मम्मी-पापा बच्चों के लिए खूब मेहनत करते हैं। सबको खूब मेहनत से पढ़ना चाहिए। यदि आप मेहनत से पढ़ते हैं तो आप दुनिया की हर चीज पा सकते हैं। जीत का एकमात्र यही साधन है।

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