पीलीभीत में लंबे समय से बंद सहकारी चीनी मिल के विरोध में उतरे गन्ना किसान, बाजार कराया बंद

Sugarcane farmers protest in Pilibhit लंबे समय से मझोला में बंद पड़ी सहकारी चीनी मिल को अब तक नहीं शुरू कराने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर धरना दिया गया। इसमें चीनी मिल के कर्मचारी भी शामिल रहे।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Wed, 29 Dec 2021 01:50 PM (IST) Updated:Wed, 29 Dec 2021 01:50 PM (IST)
पीलीभीत में लंबे समय से बंद सहकारी चीनी मिल के विरोध में उतरे गन्ना किसान, बाजार कराया बंद
सीमावर्ती मझोला में बाजार बंद, व्यापारी किसानों के साथ धरने पर

पीलीभीत, जेएनएन। Sugarcane farmers protest in Pilibhit : लंबे समय से मझोला में बंद पड़ी सहकारी चीनी मिल को अब तक नहीं शुरू कराने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर धरना दिया गया। इसमें चीनी मिल के कर्मचारी भी शामिल रहे। कस्बे के व्यापारियों ने भी किसानों के समर्थन में अपनी दुकानें बंद कर दीं और जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन में शामिल हो गए। बुधवार को पूर्वाह्न भारतीय किसान यूनियन के नगर अध्यक्ष करणवीर सिंह के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता बंद पड़ी चीनी मिल परिसर में जा पहुंचे।

मिल कालोनी में रहने वाले कर्मचारी भी एकजुट होकर वहां पहुंच गए। किसानों व कर्मचारियों ने चीनी मिल को अब तक नहीं चलाए जाने के विरोध में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के उपरांत वहीं पर धरना शुरू कर दिया गया। उधर, उद्योग व्यापार मंडल के जिला उपाध्यक्ष प्रेमचंद्र गोयल के नेतृत्व में व्यापारियों ने कस्बे का पूरा बाजार बंद करा दिया। इसके बाद व्यापारियों का जत्था भाकियू आंदोलन के समर्थन में नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में चीनी मिल परिसर में पहुंच गया। सभी व्यापारी भी धरना में शामिल हो गए।

व्यापारी नेता गोयल व सलीम इदरीसी का कहना है कि बार बार आश्वासन मिलते रहे लेकिन अभी तक चीनी मिल को फिर से नहीं चलाया गया। दस साल से अधिक समय से यह मिल बंद पड़ी होने के कारण कस्बे का व्यापार चौपट हो गया है। भाकियू के नगर अध्यक्ष करणवीर सिंह ने कहा कि मझोला में हो रहे आंदोलन की आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी। श्रमिक नेता महानंद गैरोला ने कहा कि हर चुनाव में राजनीतिक दलों के नेता यहां आकर मिल चलवाने का आश्वासन देते रहे हैं लेकिन चुनाव निपटने के बाद कोई नेता पलटकर नहीं देखता। चीनी मिल इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार रही है।

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