जवानी तलाशती दिखी बूढ़ी आंखें

जवानी ज्यादा लंबी नहीं होती। जाने के बाद यह लौटकर भी नहीं आती लेकिन.., यादें बाकी रह जाती हैं। इन्हीं यादों के ताजा होने की रुहेलखंड यूनिवर्सिटी गवाह बनी।

By Edited By: Publish:Sun, 18 Feb 2018 03:20 AM (IST) Updated:Sun, 18 Feb 2018 10:16 AM (IST)
जवानी तलाशती दिखी बूढ़ी आंखें
जवानी तलाशती दिखी बूढ़ी आंखें
जागरण संवाददाता, बरेली : जवानी ज्यादा लंबी नहीं होती। जाने के बाद यह लौटकर भी नहीं आती लेकिन.., यादें बाकी रह जाती हैं। इन्हीं यादों के ताजा होने की रुहेलखंड यूनिवर्सिटी गवाह बनी। स्थापना दिवस के मौके पर बुढ़ापे में कदम रख चुके पुरातन छात्र जवानी की निशानियों को तलाशते दिखाई दिए। जस्टिस मूलचंदानी से लेकर तमाम वे शख्सियत जिन्होंने अपने काम से जिंदगी में मील के पत्थर रखे, सभी पुरानी बातों और चीजों को यूनिवर्सिटी स्टाफ से पूछने में मशगूल रहे। समारोह में राजस्थान हाईकोर्ट के जज जस्टिस गंगाराम मूलचंदानी, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी, पोस्ट मास्टर जनरल जितेंद्र गुप्ता सरीखी शख्सियत मौजूद थीं। मंच पर सम्मान के बाद जब इन लोगों को यूनिवर्सिटी घूमने का मौका मिला तो छात्र जीवन को लेकर बतियाते रहे। जस्टिस मूलचंदानी तो उस समय और अबके भवनों के बारे में यूनिवर्सिटी के कर्मचारी जहीर अहमद से तमाम बातें पूछने लगे। उन्होंने यूनिवर्सिटी से एलएलएम किया है। शनिवार को जब यह ये हस्तियां कार्यक्रम में आईं तो छात्र उनसे घुलते-मिलते रहे। तरक्की से लेकर संघर्ष की पर चर्चा होती रही। इससे इतर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी यहां शिक्षक के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने छात्रों को गुरुओं के सम्मान और लक्ष्य को हमेशा सामने रखकर चलने की सीख दी। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने यूनिवर्सिटी की स्थापना में योगदान को सभी के सामने रखा। बताया कि यूनिवर्सिटी स्थापना की मांग पर जेल जाना पड़ा था।
chat bot
आपका साथी