लोगों का दर्द देखकर बरेली के साइकलॉजिस्ट बन गए 'बजरंगी भाईजान'

सिने स्टार सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान तो याद ही होगी। फिल्म में बजरंगी भाईजान उर्फ पवन का किरदार निभा रहे सलमान खान को एक बच्ची मिलती है जो अपनों से बिछड़ जाती है।पवन उस बच्ची को उसके स्वजनों से मिलाने के लिए पाकिस्तान तक चले जाते हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 20 Dec 2020 01:24 PM (IST) Updated:Sun, 20 Dec 2020 01:24 PM (IST)
लोगों का दर्द देखकर बरेली के साइकलॉजिस्ट बन गए 'बजरंगी भाईजान'
लोगों का दर्द देखकर बरेली के साइकलॉजिस्ट बन गए 'बजरंगी भाईजान'

बरेली, जेएनएन। सिने स्टार सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान तो याद ही होगी। फिल्म में बजरंगी भाईजान उर्फ पवन का किरदार निभा रहे सलमान खान को एक बच्ची मिलती है जो अपनों से बिछड़ जाती है।पवन उस बच्ची को उसके स्वजनों से मिलाने के लिए पाकिस्तान तक चले जाते हैं। अगर याद हो तो यह फिल्म 2015 में आई थी। लेकिन बरेली के पशुपति विहार में रहने वाले शैलेश यही काम पिछले सात सालों से कर रहे हैँ। वह नेपाल समेत अन्य देशों के रहने वाले अपनों से बिछड़े लोगों को मिला चुके हैं। इन सात सालों में वह अलग अलग देश, राज्य और जिलों के चार सौ से अधिक लोगों को उनके परिवारों से मिला चुके हैं।

ऐसे हुई शुरूआत

शैलेश शर्मा एक साइकलॉजिस्ट हैं। उन्होंने यह कार्य रुहेलखंड विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही शुरू कर दिया था। इसके बाद जब मेंटल हॉस्पिटल में इंटर्नशिप किया तो उन्हें समझ आया कि अपनों से बिछड़ने वालों में ज्यादातर मानसिक रोगी होते हैं। इस पर वह बेसहारा, परेशान या मांगने वाले लोगों को मिलते तो पहले उनका इलाज कराते है।

इसी काम में हो गए संक्रमित 

इसी माह दिसंबर में मानसिक मंदित महिला मिली, जिसे उपचार के लिए लाए तो वह संक्रमित थी। इस पर अपना टेस्ट कराया तो वह भी पॉजिटिव मिले। इस दौरान महिला अस्पताल में है लेकिन वह होम आइसोलेशन के दौरान उसके अपनों को ढूँढने के प्रयास में जुटे हैं। 

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