कार्रवाई : एफसीआइ के गोदामों में क्यूसीआइ टीम की छापामारी

क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने भुता क्षेत्र केे ग्राम अलमोनीपुर नवादा के पास एसडब्ल्यूसी गोदाम से वित्तीय वर्ष की खरीद के चावलों के नमूने भरे।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Tue, 22 Jan 2019 06:21 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 06:21 PM (IST)
कार्रवाई : एफसीआइ के गोदामों में क्यूसीआइ टीम की छापामारी
कार्रवाई : एफसीआइ के गोदामों में क्यूसीआइ टीम की छापामारी

बरेली, जेएनएन। एफसीआइ के गोदामों में क्यूसीआइ की टीम ने मंगलवार को आकर छापेमारी की। टीम ने भुता क्षेत्र केे ग्राम अलमोनीपुर नवादा के पास एसडब्ल्यूसी गोदाम से वित्तीय वर्ष की खरीद के चावलों के नमूने भरे। खाद्यान्न की नमी चेक की। दो दिन तक टीम के जिले में रहने की बात कही जा रही है। बता दें कि जागरण में खबर छपने के बाद विभाग में खलबली मची है। केंद्रीय मंत्रालय के निर्देश पर उत्तरांचल कार्यालय, नोएडा से शुरू हुई कार्रवाई के क्रम में टीम बरेली में छापेमारी को पहुंची है।

यह है अनाज गुणवत्ता घाेटाला 
उत्तर प्रदेश में भारतीय खाद्य निगम के उत्तर प्रदेश के 19 जिलाें में स्टॉक हैं। केंद्रीय खाद्य एवं अापूर्ति मंत्रालय की क्वालिटी कंट्राेल टीम ने सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, फैजाबाद, गोरखपुर और आजमगढ़ जिले के स्टॉक से अप्रैल से जुलाई 2018 के बीच बेतरतीब ढंग(रैंडम) से 500 नमूने लिए थे। लैब जांच में इनमें 101 नमूने फेल हाे गए। निगम के स्टॉक में माैजूद गेहूं व चावल गिले, टूटे व स्वास्थय के लिए बेहद खराब पाए गए। इन नमूनाें काे गाेदाम में जिस लॉट से एकत्र किया गया, वहां करीब 163620 कुंतल अनाज हाेने का अनुमान है। जिसकी कीमत अनुमानत: 33 कराेड़ रुपये हैं। जांच में गुणवत्ता से खराब अनाज पाए जाने के बाद मंत्रालय की तरफ से अनाज काे नष्ट करने व जिम्मेदारी अधिकारियाें के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। भारतीय खाद्य निगम के दिल्ली मुख्यालय ने उत्तर प्रदेश का मामला हाेने के कारण नोएडा सेक्टर 24 स्थित भारतीय खाद्य निगम (उत्तर आंचल) के कार्यकारी निदेशक को कार्रवाई के लिए लिखा। मंत्रालय की तरफ से लगातार पत्र व मेल अाने के बाद भी भारतीय खाद्य निगम ने काेई कार्रवाई नहीं की। इस मामले काे दैनिक जागरण ने उजागर किया। जिसके बाद खाद्य निगम के दस अधिकारियाें काे प्रारंभिक ताैर पर दाेषी पाते हुए अाराेप पत्र थमाया गया है। कई अधिकारियाें काे नाेटिस भी दिया गया है। अाराेप पत्र का जवाब अाने के बाद बर्खास्तगी, पदाेन्नति या वेतन कटाैती पर निर्णय हाेगा।

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