Initiation Ceremony : प्राथमिक के विद्यार्थी, समूह की महिलाएं होंगी मेहमान Bareilly News
दीक्षा समारोह का ऐसा नजारा इस बात का संकेत होगा कि भविष्य में प्रदेश की उच्च शिक्षा समाज के साथ कदमताल करती आगे बढ़ेगी।
बरेली, जेएनएन : राज्य की उच्च शिक्षा को सामाजिक मूल्यों में पिरोने की तस्वीर बनती नजर आने लगी है। इसकी एक झलक एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में दिखेगी। मंच पर समाजसेवी स्वामी चिदानंद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
पंडाल में मेधावियों और प्रोफेसरों से भरा होगा। इन्हीं के बीच प्राथमिक विद्यालयों के वे छात्र-छात्राएं विराजमान होंगे, जो बदहाल बुनियादी शिक्षा में अपने सुनहरे भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी तरफ समाज की वे महिलाएं, जो गरीब हैं मगर कोई न कोई हुनर सीखकर परिवार को मुफलिसी के जंजाल से उबारने को संघर्षरत हैं। यह तस्वीर, कुलाधिपति (राज्यपाल) आनंदीबेन की अध्यक्षता में दो सितंबर को होने जा रहे दीक्षा समारोह की बनेगी। जिसका खाका उन्हीं ने सुझाया है।
दीक्षा समारोह का ऐसा नजारा इस बात का संकेत होगा कि भविष्य में प्रदेश की उच्च शिक्षा समाज के साथ कदमताल करती आगे बढ़ेगी। सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ही प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थी और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मेहमान बनाने का निर्देश दिया है। यह पहला मौका होगा जब दीक्षा समारोह में प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थी और समाज में अपने लिए रास्ता बनाने वाली महिलाएं मेहमान होंगी। दूसरा, समारोह राजनीतिक रंग से मुक्त रहेगा। जन प्रतिनिधियों और अन्य अतिथियों को निमंत्रण भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
प्राथमिक से आएंगे 50 विद्यार्थी
दीक्षा समारोह में प्राथमिक विद्यालय के 50 विद्यार्थी आएंगे। इसमें 25 छात्र और 25 छात्राएं होंगे। स्वयं सहायता समूह में भी लगभग इतनी ही महिलाएं होंगी। विवि प्रशासन इन्हें निमंत्रण भेजने की तैयारी में है।
एनएसएस-एनसीसी कैडेट्स
समारोह में राष्ट्रीय सेवा योजना-एनएसएस और नेशनल कैडेट्स कोर-एनसीसी के कैडेट बुलाए जाएंगे। इन्हें आमंत्रित करने के साथ पास जारी करने का काम चल रहा है।
बच्चे-महिलाएं बुलाने का मकसद
दीक्षा समारोह में स्वामी चिदानंद को मुख्य अतिथि बनाना हो या फिर प्राथमिक के विद्यार्थी और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बुलाना, प्रोफेसरों का मत है कि पूरी कवायद युवाओं को प्रेरित करने की है। पढ़ाई समाप्त करके अब वह नौकरी या कारोबार करेंगे। इस दौरान वह अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाएं। दूसरा, इससे प्राथमिक के बच्चे और समूह की महिलाएं दोनों को भी प्रेरणा मिलेगी। तीसरा, यह प्रदेश में मूल्यवान व समाज से जुड़ाव की शिक्षा का संदेश भी होगा।
अभी तक यह होते रहे हैं मेहमान
समारोह में प्राथमिक के विद्यार्थी और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आएंगी। समाज में बच्चों और महिलाओं दोनों के विकास और प्रेरणा के लिए यह अच्छा प्रयास रहेगा। - प्रो. अनिल शुक्ल, कुलपति रुविवि