बुर्का भाजपा की शर्त पर नहीं अपनी मर्जी से उतारूंगी

राजनीति में जाने का फैसला ताकत हासिल करने के लिए नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Aug 2018 10:39 AM (IST) Updated:Sat, 11 Aug 2018 05:55 PM (IST)
बुर्का भाजपा की शर्त पर नहीं अपनी मर्जी से उतारूंगी
बुर्का भाजपा की शर्त पर नहीं अपनी मर्जी से उतारूंगी

बरेली: आला हजरत खानदान की बहू रहीं निदा खान का कहना है कि राजनीति में जाने का फैसला ताकत हासिल करने के लिए नहीं है, पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए लिया है। न ही ओहदा मिल जाने पर शौहर शीरान रजा खां के खिलाफ लड़ाई बंद हो जाएगी, उन्हें तो अंजाम तक पहुंचाकर ही छोड़ूंगी। यह भी गलत है कि बुर्का उतारना भाजपा में जाने की शर्त है। बुर्के पर फैसला सोच समझकर और अध्ययन के बाद होगा। मेरी मर्जी आगे रहेगी। भाजपा से पहले सपा की तरफ से भी पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव आया था। उन्होंने ये तमाम बातें जागरण संवाददाता वसीम अख्तर से बातचीत में कहीं। सवाल : भाजपा में जाने का फैसला क्या ताकत हासिल करने के लिए लिया है? आरोप लग रहा है कि तलाक पीड़ित महिलाओं के पीछे राजनीतिक मकसद था?

जवाब : पहली बात तो यह कि मैं कमजोर नहीं हूं। जिस दिन शौहर शीरान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया उसी दिन से खुद स्ट्रांग मान लिया था। दो साल से अपने बूते बगैर किसी की मदद से लड़ रही हूं। राजनीति में भी महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जा रही हूं, पद की लालसा नहीं है। कहने वाले कुछ भी कहते और समझते रहें। सवाल : राजनीतिक पारी के लिए भाजपा को ही क्यों चुना?

जवाब : भाजपा से पहले सपा में शामिल होने के लिए लखनऊ के एक नेता की तरफ से भी प्रस्ताव आया था। भाजपा के प्रस्ताव को इसलिए कुबूल किया क्योंकि जिस तीन तलाक और हलाला के लिए मैं लड़ रही हूं, भाजपा का एजेंडा भी वही है। सवाल : भाजपा में जाने के लिए बुर्का शर्त है। इसमें शरीयत तो आड़े नहीं आएगी?

जवाब : भाजपा की तरफ से बुर्का उतारने की शर्त नहीं लगाई गई है। उत्तराखंड की राज्यमंत्री रेखा आर्य का कहना था कि बुर्का एक कुरीति माना जा रहा है, उन्होंने इसके खिलाफ लड़ने की बात कही थी। मेरी जानकारी के मुताबिक शरीयत में हिजाब की बात है। बाल ढंकने को कहा गया है। इस पर और अध्ययन करने के बाद फैसला लिया जाएगा। वैसे मैंने बुर्का शादी के बाद पहनना शुरू किया है। सवाल : भाजपा में नहीं जा पाईं तब क्या करेंगी?

जवाब : वही करेंगे जो कर रहे हैं। शौहर शीरान रजा जैसे लोगों के खिलाफ लड़ाई बंद नहीं होगी। चाहे राजनीति में जाऊं या नहीं जाऊं। इन्हें तो सलाखों के पीछे पहुंचाकर ही दम लूंगी। मेरा मकसद भी यही है।

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