Lockdown में यात्री नहीं मिलने से रोडवेज को हो रहा लाखों का घाटा, अब यात्रियों की उपलब्धता के मुताबिक रोडवेज शुरू करेगा एसी बसें

लॉकडाउन में भले ही रोडवेज बसों का संचालन सीमित यात्री संख्या में कर रहा हो लेकिन यात्रियों की कमी से रोडवेज को प्रतिदिन लाखों रुपये का घाटा हो रहा है। इस घाटे को कम करने के लिए रोडवेज बसों को सरेंडर कर रहा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 08:48 AM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 08:48 AM (IST)
Lockdown में यात्री नहीं मिलने से रोडवेज को हो रहा लाखों का घाटा, अब यात्रियों की उपलब्धता के मुताबिक रोडवेज शुरू करेगा एसी बसें
बरेली रीजन की 681 बसों में 250 ही बमुश्किल सड़कों पर चल रहीं, 39 बसें हुई सरेंडर।

बरेली, जेएनएन। लॉकडाउन में भले ही रोडवेज बसों का संचालन सीमित यात्री संख्या में कर रहा हो, लेकिन यात्रियों की कमी से रोडवेज को प्रतिदिन लाखों रुपये का घाटा हो रहा है। इस घाटे को कम करने के लिए रोडवेज बसों को सरेंडर कर रहा है। अभी फिलहाल 39 अनुबंधित बसों को सरेंडर किया गया है। जबकि अन्य की लिस्ट तैयार की जा रही है। बरेली परिक्षेत्र के चार डिपो से संचालित हो रही रोडवेज की बसों से प्रतिदिन करीब एक करोड़ रुपये की आय होती है, लेकिन कोरोना के कारण मई माह से यात्रियों की घटती संख्या से रोडवेज की आय भी लगातार घट रही है।

वर्तमान में प्रतिदिन करीब 25 से 30 लाख रुपये की आय अब रोडवेज को हो रही है। कोरोना काल में यात्री कम हैं ऐसे में खाली बसें चलाने की बजाए रोडवेज संचालन बंद करना ही बेहतर समझ रहा है।लॉकडाउन में रेलवे ने कम यात्रियों की संख्या को देखते हुए जहां कई यात्री, कोविड व त्योहार स्पेशल ट्रेनों को निरस्त कर रखा है। वहीं बरेली रीजन की 681 बसों में महज 250 बसें ही सड़कों पर है। जो बसें सड़कों पर हैं वह सभी सामान्य बसें हैं। किसी भी रूट पर शताब्दी या जनरथ समेत अन्य एसी बसें नहीं चलाई जा रही है।

विभाग यात्रियों की उपलब्धता के मुताबिक एसी बसें शुरू करेगा। बस अड्डों पर लॉकडाउन से पहले जहां यात्री बसों के इंतजार में दिखते थे वहीं अब बसें यात्रियों की इंतजार में तय समय से दो से तीन घंटे तक इंतजार करते दिख रहीं है। अधिकांश बसें मानक के मुताबिक 15 सवारी न होने के कारण कई घंटे बाद अचानक निरस्त भी करनी पड़ रही है। एसी बसें घाटे के चलते जहां वर्कशॉप में खड़ी कर दी गई हैं।

वहीं सामान्य बसें भी यात्रियों की पर्याप्त संख्या न होने के कारण निर्धारित समय से नहीं चल पा रही हैं। जिसके चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते लोग बहुत जरूरी होने पर ही इस समय यात्रा कर रहे हैं। उसमें भी कम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।बरेली रीजन से उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लिए बसें आती व यहां से जाती हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते सभी राज्यों की सीमाएं बंद हैं। ऐसे में रोडवेज की बसें भी बार्डर तक ही सवारी लेकर जा रही हैं।

एक लाख तो दूर 25 हजार भी यात्री नहीं कर रहे सफर : रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या बेहद कम हो गई है। जिन बसों में रोजाना एक लाख से अधिक यात्री सफर करते थे उनमें अब 25 हजार यात्री भी सफर नहीं कर रहे हैं। इससे रोडवेज घाटे में जा रहा है। वहीं दूसरी ओर चालकों-परिचालकों का कहना है कि उन्हें महीने में चार हजार किलोमीटर बस चलानी पड़ती है। यात्री न होने से ड्यूटी का ज्यादातर समय बस अड्डों पर ही बीत रहा है। ऐसे में यदि किलोमीटर पूरे नहीं हो पाएंगे तो वेतन भी कटौती के आधार पर मिलेगा।बरेली रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि यात्रियों की संख्या कम होने से रोडवेज को काफी नुकसान हो रहा है। खड़ी बसों का टैक्स न देना पड़े, इसलिए अब बसों को सरेंडर किया जा रहा है। जब यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी तब बसों को फिर से रोडवेज के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। 

chat bot
आपका साथी