Lalfatak Overbridge : बरेली में ट्रांसलोकेट होने वाले पेड़ों का सर्वे कर लौटी टीम

Lalfatak Overbridge सेतु निगम को कुछ समय पहले ही लालफाटक पुल का कैंट क्षेत्र वाला हिस्सा बनाने के लिए सेना ने अनुमति दी है। वहां करीब 27 सौ वर्ग मीटर भूमि पर पुल निर्माण किया जाना है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 10:04 AM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 10:04 AM (IST)
Lalfatak Overbridge : बरेली में ट्रांसलोकेट होने वाले पेड़ों का सर्वे कर लौटी टीम
Lalfatak Overbridge : बरेली में ट्रांसलोकेट होने वाले पेड़ों का सर्वे कर लौटी टीम

बरेली, जेएनएन। : कैंट क्षेत्र में ट्रांसलोकेट किए जाने वाले पेड़ों की स्थिति का जायजा लेने के लिए मंगलवार को गुरुग्राम से टीम पहुंची। टीम जल्द ही वापस लौट गई। अगले हफ्ते टीम दोबारा आएगी और अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर पेड़ों को शिफ्ट करने खाका तैयार करेगी।

सेतु निगम को कुछ समय पहले ही लालफाटक पुल का कैंट क्षेत्र वाला हिस्सा बनाने के लिए सेना ने अनुमति दी है। वहां करीब 27 सौ वर्ग मीटर भूमि पर पुल निर्माण किया जाना है। पुल निर्माण से पहले वाहनों को निकालने के लिए सड़क के दोनों ओर सर्विस रोड बनानी है। इस रोड पर करीब 44 पेड़ खड़े हैं। वर्षों पुराने इन पेड़ों को हटाने के लिए सेतु निगम ने रक्षा संपदा अधिकारी को पत्र भेजा। तभी से इन पेड़ों को बचाने के लिए दैनिक जागरण ने मुहिम शुरू कर दी। वर्षों पुराने इन पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने का सुझाव दिया।

डीएम नितीश कुमार ने भी पेड़ों को बचाने के लिए जागरण के सुझाव पर अमल कर सेतु निगम को पेड़ शिफ्ट कराने को कहा। इस पर सेतु निगम ने गुरुग्राम की एक कंपनी से पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने को संपर्क साधा। कंपनी को निरीक्षण और ऑफर के लिए शुल्क भी दिया। मंगलवार को गुरुग्राम की कंपनी से शीतला प्रसाद समेत दो लोग कैंट पहुंचे और पेडों का निरीक्षण कर कुछ देर में ही लौट गए। उन्होंने पेड़ों की स्थिति, आकार को देखा। उन्होंने सेतु निगम के इंजीनियरों से अगले हफ्ते दोबारा आने को कहा है।

फिलहाल तय नहीं की जा सकी शिफ्टिंग की जगह

कैंट में लालफाटक रोड पर स्थित सागौन समेत अन्य 44 पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जाना है, लेकिन अब तक उन्हें शिफ्ट करने की जगह नहीं तय हो पाई है। सेतु निगम के अधिकारियों ने रक्षा संपदा अधिकारी को पत्र भेजकर कैंट क्षेत्र में पेड़ों को ट्रांसलोकेट करवाने को कहा है। पास में ही ट्रांसलोकेट किए जाने से पेड़ों के दोबारा पनपने की अधिक गुंजाइश रहेगी।

पेड़ों को ट्रांसलोकेट करने के लिए जिस कंपनी से बात की गई है, उसके लोग यहां पेड़ों की स्थिति को देखकर चले गए हैं। उन्होंने जल्द दोबारा आने को कहा है। तब सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ पेड़ों का निरीक्षण किया जाएगा। - देवेंद्र सिंह, मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम

अपने शहर में पहले से ही हरियाली काफी कम है। कुछ ही क्षेत्र हैं जहां आज भी वर्षो पुराने पेड़ दिखाई देते हैं। इन्हें संजोए रखने का काम हमारा है। इसके लिए हमें आगे आना चाहिए। - सुनीता शर्मा

शहर में पेड़ों को बचाने के लिए कभी कोई काम नहीं हुआ। विकास के नाम पर पेड़ काटे जाते रहे। पहली बार पेड़ों को शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। शहर में आगे बढ़कर पेड़ों को बचाने का प्रयास करेंगे। - राजेश अग्रवाल, पार्षद

हमारा मानना है कि जीवन के लिए पेड़ों को सुरक्षित रखना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखता हूं। कॉलोनी में कृष्णा पार्क का रखरखाव भी खुद ही करता हूं। हर बार पौधरोपण किया जाता है।- श्याम मनोहर अग्रवाल

शहरीकरण के लिए पेड़-पौधों को नष्ट करना, गलत है। इससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। वायुमंडल को शुद्ध करने के लिए पेड़ अति आवश्यक हैं। इन्हें बचाने के प्रयास होने चाहिए। - गुरुमीत मारवाह

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