Kamlesh Tiwari Murder : मलूकपुर में एटीएस ने मारा छापा, नावेद का दोस्त फरार Bareilly News

जिस होटल मालिक ने हत्यारोपितों को अपने यहां ठहराया था उसकी तलाश भी की जा रही। इनके अलावा तीन और नाम सामने आए हैं जिन्होंने आरोपितों की आर्थिक मदद की।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Sun, 27 Oct 2019 08:45 AM (IST) Updated:Sun, 27 Oct 2019 08:45 AM (IST)
Kamlesh Tiwari Murder : मलूकपुर में एटीएस ने मारा छापा, नावेद का दोस्त फरार Bareilly News
Kamlesh Tiwari Murder : मलूकपुर में एटीएस ने मारा छापा, नावेद का दोस्त फरार Bareilly News

बरेली, जेएनएन : हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों की मदद करने में आरोपित नावेद के एक दोस्त ने भी उनका साथ दिया था। यह पता लगने के बाद एसटीएफ ने मलूकपुर में उसकी ट्रैवल्स एजेंसी व घर पर दबिश दी मगर हाथ नहीं आया। जिस होटल मालिक ने हत्यारोपितों को अपने यहां ठहराया था, उसकी तलाश भी की जा रही। इनके अलावा तीन और नाम सामने आए हैं, जिन्होंने आरोपितों की आर्थिक मदद की।

18 अक्टूबर को लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या के बाद आरोपित अशफाक व मोइनुद्दीन बरेली आए और यहां मौलाना कैफी, वकील नावेद ने इलाज व ठहराने आदि की व्यवस्था की थी। जिसके बाद बीते दिनों एसटीएफ व एटीएस दोनों को गिरफ्तार कर लखनऊ ले गई।

जांच में पता चला है कि हत्यारोपितों की मदद करने में नावेद का एक दोस्त व ट्रैवल्स एजेंसी में उसका पार्टनर भी शामिल था। वह लगातार नावेद के साथ उन दोनों की मदद में लगा रहा। नेपाल भागने की योजना व हल्की धाराओं में बरेली से जेल भिजवाने की साजिश भी उसी के साथ मिलकर तैयार की गई। शनिवार को एटीएस को सूचना मिली कि नावेद का दोस्त अपनी ट्रैवल्स एजेंसी पर है। इससे पहले कि टीम मलूकपुर चौकी के सामने नावेद की दुकान पर पहुंचती उससे पहले ही वह फरार हो गया। दुकान पर ताला लगा होने पर उसके घर भी जानकारी की गई, लेकिन वह नहीं मिला।  

होटल में तीन घंटे रुके थे दोनों

जांच टीमों को पता चला कि हत्यारोपितों को होटल में ठहराया गया था। नावेद के कहने पर कैफी से मुलाकात की और उसी के कहने पर एक होटल में ठहरने का इंतजाम किया गया। तीन घंटे तक अशफाक व मोइनुद्दीन वहीं रहे। उस होटल संचालक की भी तलाश की जा रही।

तीन युवकों ने हत्यारोपितों की आर्थिक मदद की

प्रकरण में तीन और लोगों का नाम पता चला है। जिन्होंने दोनों आरोपितों के लिए रुपयों का इंतजाम किया। मोटी रकम देकर यहां से नेपाल भगाया ताकि वे पुलिस के हाथ न आ सकें। एटीएस व एसटीएफ उन तीनों की तलाश भी कर रही है।

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