एलएचबी कोचों की ओवरहालिग करेगा इज्जतनगर यांत्रिक कारखाना

ट्रेनों की स्पीड बढ़ाए जाने की योजना में इज्जतनगर मंडल का यांत्रिक कारखाना भी सहयोग करेगा। रेल बोर्ड ने पुराने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) कोचों को समाप्त कर नए एलएचबी (जर्मन कंपनी लिक हॉफमैन बुश के तकनीकी सहयोग से निर्मित) को लगाने की स्वीकृति दी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Mar 2021 09:44 PM (IST) Updated:Tue, 30 Mar 2021 09:44 PM (IST)
एलएचबी कोचों की ओवरहालिग करेगा इज्जतनगर यांत्रिक कारखाना
एलएचबी कोचों की ओवरहालिग करेगा इज्जतनगर यांत्रिक कारखाना

अंकित शुक्ला, बरेली : ट्रेनों की स्पीड बढ़ाए जाने की योजना में इज्जतनगर मंडल का यांत्रिक कारखाना भी सहयोग करेगा। रेल बोर्ड ने पुराने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) कोचों को समाप्त कर नए एलएचबी (जर्मन कंपनी लिक हॉफमैन बुश के तकनीकी सहयोग से निर्मित) को लगाने की स्वीकृति दी है।

इंटीग्रल कोच आइसीएफ चेन्नई में बनते थे। जिसका 2018 से कंपनी ने प्रोडक्शन बंद कर दिया है। वजन अधिक होने के कारण ये कोच 120 किमी प्रति घंटा से ज्यादा गति से दौड़ने में ट्रेन के सहायक नहीं होते। जबकि एलएचबी कोच लाइट वेट का होता है। यही वजह है कि ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए भारी के बजाय हल्के कोच का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है। इन्हें काफी आरामदायक व नई सुविधाओं के साथ बनाया गया है। इन कोच की ओवरहालिंग 18 माह में एक बार की जाती है। अभी तक इज्जतनगर कारखाना में पुराने कोच की मरम्मत ही होती थी, अब इन हल्के कोच पर भी काम होगा।

पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय त्रिपाठी ने पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ की मांग पर इज्जतनगर यांत्रिक कारखाना को आठ कोच को ट्रायल के लिए दिए हैं। ट्रायल सफल होने के बाद इन कोचों का उत्पादन और बढ़ा दिया जाएगा।

10 बर्थ भी होती है अधिक

आइसीएफ कोच की तुलना में एलएचबी कोच में 10 अतिरिक्त सीटें होती हैं जो राजस्व की दृष्टि से भी रेलवे के लिए अच्छी है। आइसीएफ कोच में केवल 72 बर्थ होती है। जबकि एलएचबी कोच में 82 बर्थ होती है। ये स्टील के बने होते हैं।

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इज्जतनगर यांत्रिक कारखाना को एलएचबी कोचों की ओवरहालिग के लिए अभी फिलहाल आठ कोच दिए गए हैं। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। - राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी इज्जतनगर मंडल

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