पिता की बातों ने बढ़ाया मेरा आत्मविश्वास

मैं बचपन से ही पढ़ने में ठीक था। सब कुछ आने के बाद कभी-कभी अध्यापक पूछते तो बता नहीं पाता था। कहीं न कहीं मेरे अंदर आत्मविश्वास की कमी थी। कई बार इसकी शिकायत पिताजी से अध्यापकों ने की तो मैंने सभी सवालों के जवाब दे दिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 02:10 AM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 02:10 AM (IST)
पिता की बातों ने बढ़ाया मेरा आत्मविश्वास
पिता की बातों ने बढ़ाया मेरा आत्मविश्वास

बरेली, जेएनएन: मेरे जीवन की सीख: मैं बचपन से ही पढ़ने में ठीक था। सब कुछ आने के बाद कभी-कभी अध्यापक पूछते तो बता नहीं पाता था। कहीं न कहीं मेरे अंदर आत्मविश्वास की कमी थी। कई बार इसकी शिकायत पिताजी से अध्यापकों ने की तो मैंने सभी सवालों के जवाब दे दिए। पिताजी समझ गए कि मेरे अंदर क्या दिक्कत है। उन्होंने मुझे अपने पास बैठाकर समझाया कि बेटा मेहनत व लगन के साथ ही आत्मविश्वास को बढ़ा लो तो सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। तब से पिताजी की बताई सलाह को आत्मसात कर लिया और आज इस पद तक पहुंच सका हूं। मेरी सफलता में सबसे बड़ा हाथ मेरे पिताजी का है। जिनकी सीख की बदौलत मै आज यहां तक पहुंच सका हूं। - भुवनेश्वर कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, रुहेलखंड डिपो

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