नहरों की सफाई के खेल में किसानों का पहरा, सहमति के बाद हो सकेगा भुगतान
नहरों की सफाई में जमकर खेल होता है। अब इस खेल पर लगाम लगाने के लिए किसानों की रिपोर्ट पर भुगतान किया जाएगा। नहरों की सफाई पर किसानों से फीडबैक लिया जाएगा कि नहर की सही से सफाई हुई या नहीं।
बरेली, जेएनएन। नहरों की सफाई में जमकर खेल होता है। अब इस खेल पर लगाम लगाने के लिए किसानों की रिपोर्ट पर भुगतान किया जाएगा। नहरों की सफाई पर किसानों से फीडबैक लिया जाएगा कि नहर की सही से सफाई हुई या नहीं। साथ ही यह भी पूछा जाएगा कि टेल तक पानी पहुंच रहा है या नहीं। इसके बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाएगा ।
पूर्व सीडीओ सत्येद्र कुमार के कार्यकाल में नहरों की सफाई में खेल का उजागर हुआ था। मामले की जांच हुई तो पता चला कि कुछ जगह पर सफाई और कुछ जगह पर नहरों की सिल्ट उठाकर नहर के किनारे रख दी गई। परिणाम यह हुआ कि पूरी सिल्ट फिर से नहरों में जमा हो गई और लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी उसका लाभ किसानों को नहीं मिला।
इसलिए इस बार सिल्ट की सफाई के टेंडर में यह शर्त जोड़ी गई है कि सिल्ट की सफाई की रिपोर्ट अवर अभियंता, सहायक अभियंता के साथ किसानों से भी ली जाएगी। किसानों की रिपोर्ट के आधार पर ही ठेकेदार को भुगतान होगा। ठेकेदार को यह प्रमाण पत्र देना होगा कि उसने नहर की सिल्ट को नहर के किनारे पर नहीं डाला है। उसमें उस प्रमाण पत्र को अवर अभियंता और सहायक अभियंता वेरीफाई करेंगे जिससे अधिकारियों की जवाबदेही हो सके ।
हर बार लाखों रुपये खर्च करने पर भी किसानों को सिंचाई का पानी इसलिए नहीं मिल पाता है क्योंकि टेल तक पानी ही नहीं पहुंच पाता है। सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग ने बताया कि इससे नहरों की सफाई सही से हो सकेगी साथ ही अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे।