किसान बोले, लखीमपुर खीरी प्रकरण के आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर फिर होगा चक्का जाम

Lakhimpur Violence लखीमपुर खीरी में हिंसा को लेकर पीलीभीत जनपद के किसानों में गम और गुस्सा देखा गया। हालांकि शाम तक सरकार और किसानों में समझौता हो गया जिसके बाद प्रदेश की योगी सरकार ने पीडि़त किसानों को मुआवजा देने समेत अन्य घोषणाएं कर दीं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 09:39 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 09:39 PM (IST)
किसान बोले, लखीमपुर खीरी प्रकरण के आरोपितों की गिरफ्तारी न होने पर फिर होगा चक्का जाम
हर किसी के चेहरे पर तिकुनिया कांड को लेकर दिखा रोष। प्रतिकात्मक फोटो

बरेली, जेएनएन। Lakhimpur Violence : लखीमपुर खीरी में हिंसा को लेकर पीलीभीत जनपद के किसानों में गम और गुस्सा देखा गया। हालांकि शाम तक सरकार और किसानों में समझौता हो गया, जिसके बाद प्रदेश की योगी सरकार ने पीडि़त किसानों को मुआवजा देने समेत अन्य घोषणाएं कर दीं। लेकिन इसके बाद भी किसानों में रोष है। किसानों ने आरोपितों की तय समय पर गिरफ्तारी न होने पर फिर चक्का जाम करने की चेतावनी दी है। साथ ही सांसद को पदमुक्त कर जेल में डालने की सभी ने मांग की है।

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया की घटना की सूचना मिलने के बाद पीलीभीत के पूरनपुर इस क्षेत्र के किसानों में आक्रोश फैल गया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में किसान पहुंच गए। शाम को ही बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। हर किसी के चेहरे पर गम और गुस्सा साफ नजर आ रहा था। घटना के आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की सभी एक स्वर में मांग करने लगे। लखीमपुर खीरी के सांसद को पदमुक्त कर जेल में भेजने की एक स्वर में मांग उठी। किसानों ने कहा कि अगर एक काल लखीमपुर खीरी से आती है तो सभी किसान बड़ी संख्या में रवाना होगे। किसानों से साफ कहा कि अगर आरोपितों को तय समय पर गिरफृतार नहीं किया गया तो फिर चक्काजाम होगा।

अन्नदाता किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष मनप्रीत सिंह ने बताया कि इस घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है। आरोपितों को पदमुक्त कर जेल में डाला जाए। तय समय पर अगर ऐसा नहीं हुआ तो आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। किसान नेता गुरबिंदर सिंह का कहना है कि किसान शांतिपूर्व तरीके से वहां विरोध कर रहे थे। अचानक उनके साथ इस तरह की घटना अमानवीय है। आरोपितों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।

किसान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि तिकुनिया की घटना अचानक नहीं हुई। यह सोची समझी साजिश थी। किसानों की हत्याएं की गई हैं। इस पूरे घटनाक्रम की जांच कराकर आरोपितों पर कार्रवाई हो। किसान गुलाब सिंह का कहना है कि किसानों को गाड़ी से रौंदने का कार्य अमानवीय है। इस घटना में लिप्त लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। आरोपितों की भी जल्द गिरफ्तारी हो।

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