सिविल सर्विसेज की तैयारी छाेड़कर बरेली में ताइवान पिंक प्रजाति के अमरूद उगा रहा ये शख्स

जैविक खाद की मदद से विदेशों की फल प्रजातियों की बरेली में पैदावार हो रही है। सेंथल के उन्नतशील किसान नरेंद्र कुमार गंगवार ताइवान पिंक प्रजाति के अमरूद और स्ट्राबेरी उगा रहे हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 25 Feb 2020 01:53 PM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 01:53 PM (IST)
सिविल सर्विसेज की तैयारी छाेड़कर बरेली में ताइवान पिंक प्रजाति के अमरूद उगा रहा ये शख्स
सिविल सर्विसेज की तैयारी छाेड़कर बरेली में ताइवान पिंक प्रजाति के अमरूद उगा रहा ये शख्स

बरेली, जेएनएन : जैविक खाद की मदद से विदेशों की फल प्रजातियों की बरेली में पैदावार हो रही है। सेंथल के उन्नतशील किसान नरेंद्र कुमार गंगवार ताइवान पिंक प्रजाति के अमरूद और स्ट्राबेरी उगा रहे हैं। न सिर्फ खुद बल्कि नवाबगंज के एक हजार किसानों को अपने साथ जोड़कर उन्होंने अमरूद की ताइवान ¨पक प्रजाति के पौधे बंटवाए। अब सेंथल के खेतों में ताइवान ¨पक प्रजाति उपजाकर किसान फल बाजार तक पहुंचा रहे हैं।

नरेंद्र गंगवार बताते हैं कि एक वक्त वह सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान रसायनिक खाद से मिट्टी को होने वाले नुकसान जानकारी हुई। उनकी खुद की जमीन पर रासायनिक खाद का प्रयोग देख संकल्प किया कि सिर्फ देसी खाद बनाने व उसके उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे।

इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्होंने एक हजार किसानों का ग्रुप तैयार कर लिया। जैविक खाद से क्लोनल अमरुद, कश्मीरी एप्पल बेर, टिशू कल्चर लेमन जैसी उपज को करने के तरीके किसानों तक पहुंचाएं। स्ट्रॉबेरी की खेती के तरीके भी ग्रामीणों को समझाए। उनके इन प्रयासों का फायदा यह हुआ कि अब किसान मिलकर जैविक खाद के जरिये फल उगा रहे हैं।

नया बाजार तलाश रहे किसान: इस उपज के लिए नया बाजार तलाशने की दिशा में भी किसान आगे बढ़ रहे हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि किसान जमापूंजी इकट्ठा करके पब्लिक कंपनी तक खड़ी करने की योजना बना रहे हैं। इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह भी उनकी मदद कर रहे हैं।

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