निजी अस्पतालों की जांच सिफर, जारी है मौत का सफर

स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते निजी अस्पताल संचालकों की मनमानी जारी है। कई अस्पताल गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों का इलाज बिना कोविड जांच कराए ही कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 07:26 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 03:47 AM (IST)
निजी अस्पतालों की जांच सिफर, जारी है मौत का सफर
निजी अस्पतालों की जांच सिफर, जारी है मौत का सफर

बरेली, जेएनएन : स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते निजी अस्पताल संचालकों की मनमानी जारी है। कई अस्पताल गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों का इलाज बिना कोविड जांच कराए ही कर रहे हैं। मरीजों की हालत बिगड़ने पर जांच कराते हैं और पाजिटिव आने पर मरीज को कोविड अस्पताल रेफर किया जाता है। हालांकि तब तक देर हो चुकी होती है और मरीज दम तोड़ देता है। जिले में कोरोना संक्रमण से मौत के कुल 182 केस में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। होल्डिंग एरिया बनाकर अमल करना भूले अस्पताल

सीएमओ, जिला सर्विलांस अधिकारी और कोविड संबंधी कार्य देख रहे अन्य सीएमओ, सभी ने दो माह पहले सभी निजी अस्पतालों को एक होल्डिग एरिया बनाने के निर्देश दिए थे। इस होल्डिंग एरिया में ही गंभीर मरीजों को रोककर कोरोना जांच करानी थी। जिससे रिपोर्ट के आधार पर आगे का इलाज हो। आदेश के बाद अस्पतालों में होल्डिंग एरिया बनाया गया, लेकिन जांच कराने पर पूरी तरह अमल नहीं हुआ। इसीलिए इलाज के दौरान मरीज पॉजिटिव आ रहे। इनमें से कुछ की मौत भी हो गई।

केस-1 : शहर के स्टेडियम रोड स्थित अस्पताल में सनराइज कालोनी निवासी महिला का इलाज चलता रहा। जब उनकी हालत बिगड़ी तब जांच कराई गई। पॉजिटिव आने पर उन्हें अस्पताल भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल को नोटिस भेजा गया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। केस-2 : दो दिन पहले लखीमपुर के एक वृद्ध का इलाज पीलीभीत रोड स्थित अस्पताल में चल रहा था। उनकी तबीयत बिगड़ने पर आनन फानन जांच कराई गई, जब वह पॉजिटिव आए तो कोविड एल-3 अस्पताल भेज दिया गया। जहां अस्पताल के गेट पर उनकी मौत हो गई। इस मामले में भी जांच कराने की बात कही गई, लेकिन अब तक नोटिस तक जारी नहीं किया गया। निजी अस्पतालों को दी गईं एंटीजन टेस्ट किट

मरीजों की समय से जांच के लिए सभी निजी अस्पतालों को सरकारी व्यवस्था के तहत एंटीजन टेस्ट किट भी दी हैं। इसके बाद भी निजी अस्पताल मरीजों की जांच नहीं कर रहे हैं। हालत बिगड़ती देख इन्हीं एंटीजन टेस्ट किट से जांच कर उन्हें रेफर कर दिया जाता है। वर्जन

मरीज को भर्ती करने के साथ ही जांच के आदेश निजी अस्पतालों को दिए थे। आइएमए पदाधिकारियों के साथ इस बाबत बैठक भी की गई। औचक निरीक्षण कर अस्पतालों की स्थिति देखेंगे।

- डा. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी

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