टेक वर्ल्ड : कुछ गड़बड़ है...अलर्ट करेगा सीसीटीवी कैमरा

मकानों, दुकानों और बड़ी-बड़ी फर्म में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे हर पल होने वाली हलचल सिर्फ कैद नहीं करेंगे। अब कुछ गड़बड़ होने से पहले ही मैसेज और ऑटो कॉले के जरिये अलर्ट कर देंगे।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 02:42 PM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 02:42 PM (IST)
टेक वर्ल्ड : कुछ गड़बड़ है...अलर्ट करेगा सीसीटीवी कैमरा
टेक वर्ल्ड : कुछ गड़बड़ है...अलर्ट करेगा सीसीटीवी कैमरा

जेएनएन, बरेली : मकानों, दुकानों और बड़ी-बड़ी फर्म में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे हर पल होने वाली हलचल सिर्फ कैद नहीं करेंगे। अब कुछ गड़बड़ होने से पहले ही मैसेज और ऑटो कॉले के जरिये अलर्ट कर देंगे। यह संभव होगा, एक ट्रिगिंग डिवाइस के जरिये, जिसे लगाकर नुकसान होने से काफी हद तक बचा जा सकेगा।

लगातार हो रही घटनाओं के बाद सीसीटीवी कैमरों का चलन तेजी से बढ़ा है। कई बड़ी घटनाओं का खुलासा करने में भी मदद मिली है। हालांकि, पुरानी तकनीक के यह कैमरे सिर्फ घटनाओं को रिकॉर्ड भर करते हैैं मगर वो हो न पाएं इसका कोई इंतजाम नहीं। बड़े शहरों के बाद अब अपने शहर में भी ऐसे सीसीटीवी कैमरे पहुंचे हैैं, जो खास तकनीक से लैस हैैं। बस, इनके डीवीआर में एक ट्रिगिंग डिवाइस लगानी होती है। इसके बाद बंद मकान, दुकान या किसी भी सुरक्षित जगह पर होने वाली हलचल आपके ट्रैपर के जरिये फोन पर पहुंच जाती है। चाहे आप देश-दुनिया के किसी भी हिस्से में क्यों न हों।

तय फ्रिक्वेंसी के बाद देगा सूचना, फायर अलार्म भी

ट्रैपर की फ्रिक्वेंसी और टाइमिंग सेट की जा सकती है। अगर दुकान के अंदर फीड टाइम में ज्यादा हरकत होती है तो ट्रैपर इसकी सूचना देगा। वहीं, इसमें फायर अलार्म का भी सेंसर लगा होता है।

आई फिश से निगरानी के साथ बातचीत भी

एक ही कमरे या दुकान के अंदर हर एंगल कवर करने के लिए चार-पांच कैमरे लगाने का झंझट खत्म करता है आई फिश। छत के बीचो बीच लगाने पर इसमें लगे कैमरे हर दिशा में बराबर नजर रखते हैं। यही नहीं इसमें स्पीकर और माइक भी हैं। जिससे मॉनीटङ्क्षरग कर रहा शख्स निर्देश देने के साथ जवाब भी सुन सकेगा। हां, जहां आई फिश लगी होगी, वहां जवाब देने वाले को डिवाइस के नीचे आना होगा।

जीपीएस वाच और आइकार्ड से बच्चों की सुरक्षा

घर से स्कूल और कोचिंग जाने वाले बच्चों की सुरक्षा अभिभावकों की सबसे बड़ी चिंता है। इसका हल जीपीएस वाच और आइकार्ड है। इनमें सिम पड़ते हैं, जो लिमिटेड नंबर से जुड़ते हैं। जिससे बच्चे के आने-जाने के फीड टाइम के आधार पर लोकेशन की सूचना मिलती रहती है। साथ ही इसमें पैनिक बटन और टू-वे कम्यूनिकेशन है। यानी कोई खतरा होने पर पैनिक बटन से इंस्टॉल नंबर पर मैसेज चला जाएगा। परेशानी होने पर घड़ी या आइकार्ड के जरिए सूचना भी दे सकेंगे। 

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