कोरोना से सतर्क होने के साथ मलेरिया से सावधान करना होगा वार Bareilly News

जिले में मलेरिया का बड़ा प्रभाव है। दो साल पहले मलेरिया से 200 से अधिक मौतें जिले में हुई थी। एक बार फिर मलेरिया फैलने की स्थितियां बन रही है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 08 May 2020 09:38 PM (IST) Updated:Fri, 08 May 2020 09:38 PM (IST)
कोरोना से सतर्क होने के साथ मलेरिया से सावधान करना होगा वार Bareilly News
कोरोना से सतर्क होने के साथ मलेरिया से सावधान करना होगा वार Bareilly News

बरेली जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से स्वास्थ्य महकमा काफी सतर्क है। ये सतर्कता का ही नतीजा है कि जिले में अब तक सिर्फ 11 लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं। इसके इतर जिले में मलेरिया का बड़ा प्रभाव है। दो साल पहले मलेरिया से 200 से अधिक मौतें जिले में हुई थी। एक बार फिर मलेरिया फैलने की स्थितियां बन रही है। दो साल पहले वाली लापरवाही दिखाई दे रही है। मलेरिया की जांच न के बराबर हो रही है। जबकि सजगता बरतने की जरूरत है। 3 महीने के आंकड़े इस बात को साबित कर रहे हैं, अगर अब ध्यान नहीं दिया गया तो लापरवाही भारी पड़ सकती है।

कोरोना से बचाव को जुटा अमला

देश में कोरोना के मामले निकलने के बाद करीब सवा 2 महीने से स्वास्थ्य महकमा बचाव में जुटा है। सभी डॉक्टर नर्स फार्मेसिस्ट लैब टेक्नीशियन समेत पूरा स्टाफ काेरोना रोकथाम में ही लगा है। जिले में अब तक 800 से अधिक लोगों की कोराना संक्रमण की जांच कराई जा चुकी है। हजारों लोगों की स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग ने की है। अब तक कुल 11 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उनमें एक की मौत हो चुकी है, जबकि 6 लोग ठीक हो कर घर जा चुके हैं। चार लोगों का इलाज चल रहा है।

चार महीने में 600 से अधिक मलेरिया मरीज

मलेरिया इस साल भी तेजी से पैर पसारने लगा है। अमूमन हर साल इसका प्रभाव जून से नवंबर तक अधिक रहता है। इस बार पहले से अधिक मरीज सामने आए हैं। वर्ष 2019 में अप्रैल तक जहां 560 मरीज मलेरिया के निकले थे। वहीं इस साल बढ़कर 636 हो गए हैं। वह भी तब जबकि जांचे बहुत अधिक नहीं हो पा रही हैं। इसमें सबसे अधिक मरीज मलेरिया के प्लाज्मोडियम वाइबैक्स के हैं। चार महीने में खतरनाक मलेरिया प्लाज्मोडियम पाल्सीफेरम के 55 मामले सामने आए हैं।

वर्ष 2018 में 37 हजार से अधिक निकले मलेरिया रोगी

जिले में वर्ष 2018 में 37 हजार से अधिक मलेरिया रोगी पाए गए थे। इसमें खतरनाक पीएफ के 17 हजार से ज्यादा मरीज मिले थे। खतरनाक पीएफ के कारण मौतें भी हुई थी, हालांकि स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा काफी कम रहा। उस समय विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। मरीजों की जांच नहीं की गई थी।

वर्ष 2019 में बढे मलेरिया के मरीज

जिले में मलेरिया के मामले वर्ष 2019 में काफी बढ़ गए, लेकिन विभाग की एक साल पहले की विफलता ने अधिकारियों को सतर्क रखा। इस साल खतरनाक बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है। जिले में तब मलेरिया के करीब 47 हजार मरीज सामने आए थे, इसमें खतरनाक पीएफ के करीब 12हजार मरीज थे।

इन ब्लॉकों में रहे ज्यादा केस

मझगवां, भमोरा, रामनगर, आंवला, फरीदपुर, क्यारा

कोरोना से रोकथाम को स्वास्थ्य विभाग जुटा है। अब साथ ही मलेरिया की रोकथाम को काम हो रहा है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दो चिकित्सा अधिकारी रोके गए हैं। लक्षण वाले लोगों की मलेरिया की जांच कराई जा रही है। डॉ विनीत शुक्ला, सीएमओ

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