Ayodhya Structure Demolition Case : 28 साल के लंबे इंतजार का सुखद अंत

अयोध्या ढांचा विध्वंस केस में 28 साल बाद आए फैसले ने रामसेवकों के लंबे इंतजार का सुखद अंत किया है। राम मंदिर पर फैसला आने के बाद करीब 11 महीने बाद उस स्थान पर बने ढांचे को गिराने के मामले में कार सेवकों के परिवारों को असीम खुशी दी है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 09:38 AM (IST)
Ayodhya Structure Demolition Case  : 28 साल के लंबे इंतजार का सुखद अंत
28 साल के लंबे इंतजार का सुखद अंत

बरेली, जेएनएन। अयोध्या ढांचा विध्वंस केस में 28 साल बाद आए फैसले ने रामसेवकों के लंबे इंतजार का सुखद अंत किया है। राम मंदिर पर फैसला आने के बाद करीब 11 महीने बाद उस स्थान पर बने ढांचे को गिराने के मामले में बुधवार काे आए फैसले ने सिर्फ राम भक्तों को नहीं, बल्कि कार सेवकों के परिवारों के लिए असीम खुशी दी है। कार सेवकों ने कहा कि साजिश को लेकर सिर्फ गुमराह किया गया। लाेग आक्रोशित थे, इसलिए ढांचा गिराया गया। कोई पूर्व निश्चित नहीं था कि ढांचा ही गिराया जाना है। कोर्ट के फैसले ने कार सेवकों के कहे वचनों को सही साबित किया।

मुझे बहुत खुशी हो रही है। बरेली से अयोध्या तक जाना। गिरफ्तारी और एतिहासिक मूवमेंट का भागीदार होने से मेरा जीवन सफल हुआ सा लगता है। कोर्ट का निर्णय बहुत अच्छा है। - वीरेंद्र अटल, कार सेवक

न्याय मिला है। बनाए गए आरोपी को बरी करने के आदेश ने उस समय के बयानों को सही साबित किया है। किसी को नहीं मालूम था कि ऐसा कुछ होने वाला है। कोई षड़यंत्र नहीं था। - राजवीर सिंह, कार सेवक

कार सेवकों की हत्या के बाद लोग आक्रोशित थे। मुलायम सिंह के स्टेटमेंट कि परिंदा पर नहीं मार सकता, लोगों के दिलाें में चुभ गया था। उनकी सरकार में गोलियां नहीं चलाई जाती तो ढांचा भी नहीं गिरता। -राजकुमार अग्रवाल, कार सेवक

आज खुशी का दिन है। झूठे मुकदमें कोर्ट ने खारिज कर दिए हैं। कारसेवकों की अथाह मेहनत के बाद अब मंदिर बनना शुरू हुआ है। अयोध्या मामले से जुड़े हर शख्स के लिए यह दिन एतिहासिक है। दिनेश जौहरी, कार सेवक

परिवार के साथ अयोध्या गया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस लाइन से छोड़ा गया था। 492 साल पहले बाबर ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए जो कृत्य किया था। आज उसकी पीड़ा लाेगों के मन से शांत हुई। सुभाष पटेल, कार सेवक

कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। केस में बनाए गए आरोपितों को बरी करने के साथ कोर्ट का यह कहना कि कोई षड़यंत्र नहीं था। बिल्कुल सही निर्णय है। सिर्फ मुझे नहीं, पूरे देश के लोगों के लिए खुशी का दिन है। -संतोष गंगवार, केंद्रीय मंत्री

11 महीने पहले राम मंदिर बनाने की सहमति के बाद यह निर्णय लोगों के लिए खुशी लेकर आया है। कार सेवकों के बलिदान आज सार्थक हुआ। आरोपितों को बरी करके कोर्ट ने देश के सभी लोगों को न्याय पर भरोसा और बढ़ाया है। - पवन शर्मा, जिलाध्यक्ष, भाजपा

फैसले पर कहने के लिए हमारे पास कुछ नहीं है. सबको पता है कि 6 दिसंबर 1992 को सार्वजनिक तौर पर कैसे बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया गया था और कैसे कानून की धज्जियां उड़ाई गईं थी। बाबरी मस्जिद के मामले में सीबीआई कोर्ट में केस चल रहा था। उसका फैसला आया है। मामले में 32 लोगों को बरी कर दिया गया है। दरअसल यह सीबीआई की नाकामी है, विफलता है। सीबीआई ने मामले में सबूत नहीं जुए। - शहाबुद्दीन रजवी, मौलाना, ऑल इंडिया तंजीम उलमा-ए-इस्लाम

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