ABVP High Voltage Drama : बरेली एसएसपी के निर्देश पर भी नहीं लिखा मुकदमा, छात्राें के आगे मूकदर्शक बनी रही पुलिस
ABVP High Voltage Drama बरेली कॉलेज में उपद्रव कर रहें छात्रों की सूचना पर मौके पर पहुंची पांच थानों की पुलिस जहां मूकदर्शक बनी रही। वहीं एसएसपी के आदेश के बाद भी उपद्रवी छात्राें पर सोमवार देर रात तक मुकदमा नहीं लिखा गया।
बरेली, जेएनएन। ABVP High Voltage Drama : बरेली कॉलेज में उपद्रव कर रहें छात्रों की सूचना पर मौके पर पहुंची पांच थानों की पुलिस जहां मूकदर्शक बनी रही। वहीं एसएसपी के आदेश के बाद भी उपद्रवी छात्राें पर सोमवार देर रात तक मुकदमा नहीं लिखा गया। हालांकि पुलिस इस मामले में जांच के बाद मुकदमा लिखने की बात कह रही है।गौरतलब है कि बरेली कालेज में एबीवीपी छात्रनेताओं ने छात्रों के हित के नाम पर जमकर उपद्रव किया। कॉलेज के प्राचार्य की कुर्सी को न सिर्फ बाहर कीचड़ मेें रखा बल्कि कॉलेज में तोड़ फोड़ की। हैरानी की बात हो ये है कि यह सब पुलिस के सामने होता रहा और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। अगर पुलिस इस मामले में तत्काल ही सख्त कदम उठा लेती तो शायद मामला तोड़फोड़ तक नहीं पहुंचता। विरोध पर ही शांत हो जाता। इस मामले में बारादरी थाना निरीक्षक नीरज मलिक का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है।
22 को फिर बवाल होने की संभावना
22 अक्टूबर को एक बार फिर से बवाल होने की संभावना है। दरअसल एबीवीपी कार्यकर्ता जहां कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। वहीं कर्मचारी एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं 22 अक्टूबर को शिक्षकों और कर्मचारियों की एक आम सभा सभागार में दोपहर दो बजे होनी है। जिसमें आगे का फैसला लिया जाना है। जबकि 21 अक्टूबर को कर्मचारी छात्र हित में कार्य करेंगे। वहीं कर्मचारी पर कार्रवाई न होने पर एबीवीपी कार्यकर्ता 22 को आंदोलन करेंगे।
प्राचार्य के उठकर जाने से भड़के थे छात्रनेता
फीस काउंटर बंद होने के कारण छात्रों को ही रही परेशानी को लेकर एबीवीपी कार्यकर्ता प्राचार्य डा. अनुराग मोहन के पास पहुंचे थे। जहां प्राचार्य द्वारा समस्या का समाधान करने की जगह उठकर चले जाने से छात्रनेता आक्रोशित हो गए। जिसके बाद प्राचार्य की कुर्सी को कार्यालय के बाहर सड़क पर रख दिया गया। डेढ़ बजे तक फीस काउंटर न खुलने पर कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य कक्ष का मेन गेट तोड़ दिया और नारेबाजी कर महाविद्यालय प्रशासन को पांच मिनट का समय देते हुए काउंटर खोले जाने की मांग की। मांग पूरी न होने पर प्राचार्य कार्यालय के पास के दो अन्य गेट व कुर्सियों को तोड़ा गया।
तीन दिन फार्म जमा होने की बात पर हुए शांत
चीफ प्राक्टर डा. वंदना शर्मा ने 21 से 23 अक्टूबर तक फार्म जमा होने व छात्र से अभद्रता करने वाले कर्मचारी पर दो दिनों में कार्रवाई किए जाने की बात पर छात्र नेता शांत हुए। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने दो दिन में कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन किए जाने की बात कही। इस दौरान विभाग संगठन मंत्री अमित भारद्वाज, महानगर विस्तारिका अवनी यादव, महानगर मंत्री हर्ष अग्रवाल, महानगर कार्यसमिति सदस्य श्रेयांश बाजपेई, शिवम सक्सेना, अमन सिंह तोमर, अनिकेत शर्मा, प्रशांत देवल, निखिल राजपूत, निखिल गंगवार, ऋतिक सक्सेना, शीतल, प्रियंका, दीपांशी सिंह आदि रहे।
उपद्रव करने वालों की होगी पहचान
चीफ प्राक्टर डा. वंदना शर्मा ने बताया कि प्राचार्य की कुर्सी को सड़क किनारे कीचड़ में रखने वाले, तीन गेट तोड़ने व कुर्सियों को तोड़ने वाले उपद्रवी लोगों की सीसीटीवी कैमरों से पहचान की जाएगी। किसी भी उपद्रवी को छोड़ा नहीं जाएगा। पूरे प्रकरण में कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिससे आगे भविष्य में कोई ऐसा कृत्य न कर सके।
प्राचार्य कक्ष का खराब था सीसीटीवी
प्राचार्य कक्ष में वैसे तो सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन वह कार्य नहीं कर रहे हैं। प्राचार्य कक्ष में हुए बवाल व हंगामे की फुटेज सीसीटीवी कैमरा खराब होने के कारण उसकी फुटेज नहीं मिल सकी। हालांकि प्राचार्य डा. अनुराग मोहन ने बताया कि सोमवार को हुए बवाल की अलग बारादरी पुलिस को तहरीर दी जाएगी।