एडीएम से मिले उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता के रिश्तेदार

उन्नाव के माती दुष्कर्म कांड की पीड़िता के रिश्तेदार सोमवार को कड़ी सुरक्षा के साथ एडीएम संदीप कुमार गुप्ता से मिले। आधे घंटे तक रिश्तेदारों ने एडीएम को कार्यालय में अपनी समस्या सुनाते हुए नौकरी और आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की। एडीएम ने बताया कि पीड़िता की जिस मौसी की ट्रक हादसे में मौत हुई थी वह हैदरगढ़ तहसील क्षेत्र की निवासी थी। उसकी बेटी व पुत्र मिलने आए थे। आर्थिक सहायता व नौकरी के लिए प्रार्थनापत्र दिया है जिसे एसडीएम हैदरगढ़ को भेजा गया है। राष्ट्रीय पारिवारिक सहायता योजना व किसान दुर्घटना बीमा का लाभ दिए जाने की भी मांग की। मगर इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज है। ऐसे में किसान दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में विचार किया जाना है। एसडीएम ने कहा कि पीड़ित परिवार को जितनी भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है उसे दिलाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Sep 2019 10:14 PM (IST) Updated:Tue, 01 Oct 2019 06:20 AM (IST)
एडीएम से मिले उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता के रिश्तेदार
एडीएम से मिले उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता के रिश्तेदार

बाराबंकी : उन्नाव के माती दुष्कर्म कांड की पीड़िता के रिश्तेदार सोमवार को कड़ी सुरक्षा के साथ एडीएम संदीप कुमार गुप्ता से मिले। आधे घंटे तक रिश्तेदारों ने एडीएम को कार्यालय में अपनी समस्या सुनाते हुए नौकरी और आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की।

एडीएम ने बताया कि पीड़िता की जिस मौसी की ट्रक हादसे में मौत हुई थी वह हैदरगढ़ तहसील क्षेत्र की निवासी थी। उसकी बेटी व पुत्र मिलने आए थे। आर्थिक सहायता व नौकरी के लिए प्रार्थनापत्र दिया है, जिसे एसडीएम हैदरगढ़ को भेजा गया है। राष्ट्रीय पारिवारिक सहायता योजना व किसान दुर्घटना बीमा का लाभ दिए जाने की भी मांग की। मगर इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज है। ऐसे में किसान दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिए जाने के संबंध में विचार किया जाना है। एसडीएम ने कहा कि पीड़ित परिवार को जितनी भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है, उसे दिलाया जाएगा।

पीड़ित परिवार उस समय एडीएम कार्यालय में सीआरपीएफ के चार जवानों के साथ पहुंचा जब भाजपा के प्रत्याशी अंबरीश रावत का नामांकन कराने के लिए वहां ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित जिले के सांसद व विधायक आदि मौजूद थे। पहले तो लोग समझे कि कोई चुनाव आयोग का अधिकारी है, जिसके साथ सुरक्षा बल आया है। मगर कुछ देर बाद लोगों को मामले की जानकारी सबको हुई। जिला मुख्यालय आने से पहले पीड़ित परिवार हैदरगढ़ तहसील भी गया था।

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