हैंडलूम पर बन सकता है मोदी गमछा, पावरलूम पर पाबंदी

मणिपुर के बुनकरों ने भौगोलिक संकेतक के तहत पंजीकृत करा रखी है डिजाइन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 12:38 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 06:08 AM (IST)
हैंडलूम पर बन सकता है मोदी गमछा, पावरलूम पर पाबंदी
हैंडलूम पर बन सकता है मोदी गमछा, पावरलूम पर पाबंदी

जैदपुर (बाराबंकी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान जिस गमछे को पहनकर मन की बात की थी उस डिजाइन का गमछा जिले के बुनकरों ने तैयार कर बेचना शुरू किया था। लेकिन अब मणिपुर के बुनकरों की शिकायत पर मोदी गमछा को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की टीम ने मोदी गमछा बनाने वाले कस्बा जैदपुर के बुनकरों के यहां जांच के बाद पावरलूम पर मोदी गमछा बनाने पर पाबंदी लगाई है। टीम का हिस्सा रहे हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग के क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ के सहायक आयुक्त मनोज कांत गर्ग ने बताया कि जैदपुर के तफज्जुल हुसैन अंसारी आदि करीब 50 बुनकरों यहां जांच में पाया गया कि पावरलूम पर मोदी गमछा बनता है जिसे मणिपुर में लिग्यान मफलर के रूप में खादी वस्त माना जाता है। लिग्यान मफलर की डिजाइन को भौगोलिक सांकेतांक के तहत पंजीकृत कराया गया था। वहां की यह परंपरागत डिजाइन है। हाथ से ही इसे बुना जता है। मणिपुर के बुनकरों की आपत्ति पावरलूम पर इसे बनाने की है। हैंडलूम यानि हाथ से संचालित किए जाने वाले हथकरघे पर इसे बनाया जा सकता है। लेकिन पावरलूम पर बनाए जाने पर आपत्ति है। उन्होंने यह भी बताया कि जैदपुर में बनने वाले मोदी गमछा की डिजाइन सिर्फ मणिपुर के लिग्यान मफलर जैसी है, कपड़ा व रंग अलग है। पहली बार हुई शिकायत पर जांच के बाद आख्या भेजी गई थी लेकिन दोबारा शिकायत केंद्रीय बुनकर सेवा केंद्र में की गई। इसके बाद बुनकर सेवा केंद्र वाराणसी के सहायक निदेशक विकास के साथ ही उपायुक्त हथकरघा पीसी ठाकुर भी आए थे।

15 दिन का समय बुनकरों को दिया गया कि वह अपना ताना-बाना ठीक कर लें। इसके बाद फिर टीम जांच करेगी। दोबारा पावरलूम पर लिग्यान मफलर की डिजाइन का गमछा बुनता पाए जाने पर हथकरघा आरक्षण अधिनियम 1985 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

इनसेट-

डिजाइन में संसोधन कर बनाएंगे गमछा : बुनकर अधिकार संगठन के जिलाध्यक्ष तफज्जुल हुसैन अंसारी का कहना है कि जो टीम आई थी वह लिग्यान मफलर का कोई पीस नहीं लाई थी। यदि उन्हें आपत्ति है तो हम उनके जैसी नहीं बनाएंगे। थोड़ा डिजाइन बदलकर मोदी गमछा बनाएंगे। जफर अहमद ने बताया कि प्रधानमंत्री को पहने हुए देखकर हम लोगों ने लॉकडाउन में मोदी गमछा बनाया है। सांसद उपेंद्र सिंह रावत सहित सत्तादल के विधायकों ने समर्थन किया।

शाह आलम ने कहा कि मोदी गमछा विदेशों तक पहुंचा था, हम लोगों की रोजी-रोटी का सवाल है। प्रदेश सरकार को हम बुनकरों की मदद करनी चाहिए। मेराज अहमद ने लॉकडाउन में सरकार ने कोई राहत नहीं दी। बिजली बिल भी महंगा कर दिया अब मोदी गमछा पर पाबंदी लगाई जा रही है। जनप्रतिनिधियों को समर्थन में आगे आना होगा।

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