दुबई के एसी कमरे में उड़ी है नींद, याद आ रही गांव के पाकड़ की छांव

-मेरा गांव-मेरा देश -हरख ब्लॉक के ग्राम मोहना के वसीम व फहीम दुबई में कलॉकडाउन में विदेशों में रह रहे लोग घर लौटने के लिए हैं परेशान। उन्हें अपने गांव-घर की याद सता रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 11:52 PM (IST) Updated:Sat, 23 May 2020 11:52 PM (IST)
दुबई के एसी कमरे में उड़ी है नींद, याद आ रही गांव के पाकड़ की छांव
दुबई के एसी कमरे में उड़ी है नींद, याद आ रही गांव के पाकड़ की छांव

प्रेम अवस्थी, बाराबंकी - लॉकडाउन में विदेशों में रह रहे लोग घर लौटने के लिए हैं परेशान। उन्हें अपने गांव-घर की याद सता रही है।

हरख ब्लॉक के मोहना गांव निवासी वसीम और फहीम दुबई में रहकर प्लंबर का काम करते थे। लॉकडाउन होने के बाद बंद है काम। हालांकि एसी कमरे में रह रहे हैं लेकिन उसमें उन्हें नींद नहीं पड़ रही। गांव में घर के बगल पाकड़ के पेड़ की छांव की याद आ रही है। गर्मी के दिनों में पाकड़ की छांव में बैठने व सोने के संस्मरण भी खूब याद करते हैं। हरे-भरे मेंथा व केला के खेत, गांव में बंदरों के झुंड का आकर घर से अनाज व अन्य खाने का सामान उठाकर ले जाना बहुत याद आता है।

परिवारजन से वीडियो कॉलिग के जरिए बात करके मन को तसल्ली देते हैं। वसीम व फहीम ने गांव के राजेश मिश्र से वीडियो कॉलिग से बात कर गांव आने की इच्छा जताई।

वसीम अपनी पत्नी जमीला से जब वीडियो कॉलिग से बात कर रहे थे। उसी समय उनसे बात करने का अवसर मिला। दुबई के क्या हाल हैं? के जवाब में वह बोले बहुत बुरे हाल हैं। लॉकडाउन में एसी कमरे में रहकर भी नींद नहीं आ रही। गांव में पाकड़ के पेड़ के नीचे की छांव बहुत याद आती है। क्या बाराबंकी लौटना चाहते हैं? इस पर कहा कि हां चाहता हूं लेकिन हालात अच्छे नहीं हैं। खर्च बहुत ज्यादा आएगा जिसे चुकाने की स्थिति अभी नहीं हैं। पैसा भी बकाया है। जब तक बकाया नहीं मिलता तब तक लौटना भी मुश्किल है।

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