शिकायत पेटिका बनीं शो पीस, नहीं हो रही पेट्रो¨लग

बाराबंकी : कॉलेज जाने वाली छात्राओं की सुरक्षा और छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश ल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 12:27 AM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 12:27 AM (IST)
शिकायत पेटिका बनीं शो पीस, नहीं हो रही पेट्रो¨लग
शिकायत पेटिका बनीं शो पीस, नहीं हो रही पेट्रो¨लग

बाराबंकी : कॉलेज जाने वाली छात्राओं की सुरक्षा और छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रशासनिक दावे हवाई साबित हो रहे हैं। इसके लिए स्कूलों में लगाई शिकायत पेटिकाएं उद्देश्यों की जानकारी के अभाव में शो पीस बनी हुई हैं। जबकि, इनमें दी गई सूचना गोपनीय रखने के भी निर्देश हैं। इतना ही नहीं छुट्टी के समय स्कूलों के बाहर पुलिस की पेट्रो¨लग भी नहीं हो रही है।

जिले में 38 राजकीय कॉलेज के अलावा 35 सहायता प्राप्त व 219 वित्त विहीन कॉलेज संचालित हैं। छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए करीब पांच वर्ष पहले शिकायत पेटिका लगाने के निर्देश दिए गए थे। शुरू में तो शिकायत पेटिका लगाने पर अमल हुआ। कुछ छात्राओं ने शिकायत भी पेटिका में डाली। मगर बाद में जागरूकता के अभाव में यह निष्प्रयोज्य हो गईं। सभी कॉलेजों में छात्राओं के लिए शिकायत पेटिका लगाए जाने का दिशा निर्देश समस्त प्रधानाचार्यों को दिया गया है। उसमें यह भी दिशा निर्देश दिए गए हैं कि अगर कॉलेज में शिक्षक, कर्मचारी या फिर बाहरी व्यक्ति छेड़छाड़ जैसी घटना करता हैं, तो छात्रा पत्र में आरोपित का नाम लिखकर पेटिका में डाल देगी। वह पत्र पेटिका सिर्फ प्रधानाचार्य खोलेंगे। छात्रा का नाम उजागर न करते हुए आरोपित के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रेषित करेंगे।

राजकुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक, बाराबंकी। समस्त स्कूलों में शिकायत पेटिका रखे जाने के लिए पुलिस एक बैठक आयोजित करेगी। शिकायत पेटिका में छात्रा अपना बिना नाम पता लिखे एक पत्र लिखेगी। इसमें शोहदे का नाम और स्थल लिखा होगा। संबंधित थाना क्षेत्र के थानाध्यक्ष व इंचार्ज मौके पर जाकर कार्रवाई करेंगे। छात्रा का नाम गोपनीय रहेगा।

दिगंबर कुशवाहा, अपर पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी। तीन साल पहले जीजीआइसी में शिकायत पेटिका लगवाई गई थी। शुरू में क्रियान्वयन भी हुआ था। छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए जूडो, कराटे आदि का प्रशिक्षण कई छात्राओं को दिलाया गया है।

डॉ. पूनम ¨सह, उप प्रधानाचार्या, जीजीआइसी, बाराबंकी।

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