जानलेवा हमले में तीन को सात-सात वर्ष की कैद

जागरण संवाददाता बांदा टेंपो में मारपीट व जानलेवा हमले में दोषी करार दिए गए तीन लोगों को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 10:48 PM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 10:48 PM (IST)
जानलेवा हमले में तीन को सात-सात वर्ष की कैद
जानलेवा हमले में तीन को सात-सात वर्ष की कैद

जागरण संवाददाता, बांदा : टेंपो में मारपीट व जानलेवा हमले में दोषी करार दिए गए तीन लोगों को अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सात-सात वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही 11-11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। महोबा निवासी तीनों मुजरिम को जेल भेज दिया गया।

अभियोजन के सहायक शासकीय अधिवक्ता देवदत्त मिश्र ने बताया कि पांच वर्ष एक माह पूर्व मटौंध कस्बा निवासी शिवप्रसाद साहू ने 26 अक्टूबर 2013 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि वह 22 अक्टूबर 2013 को टेंपो से रात करीब दस बजे बांदा जा रहा था। टेंपो को महोबा जिले के कबरई थाना क्षेत्र के सुनैचा गांव निवासी अजय चला रहा था। साथ में उसी के गांव के राकेश और खन्ना थाना क्षेत्र के घंडुवा गांव निवासी हरीराम बैठे थे। जिनको वह पहले से जानता था। मटौंध से पहले टेंपो रोककर मोबाइल व तीन हजार नकदी छीन ली। मारपीट कर बेहोश कर दिया। आंख में पट्टी बांध दी और करबला के पास एक मकान में बंधक बनाकर तीन घंटे तक मारपीट की गई। बाद में त्रिवेणी रोड बाइपास के पास गले में रस्सी बांध फेंक दिया। होश आने के बाद बांदा पहुंचा और भूरागढ़ चौकी में जानकारी दी। विवेचक ने आरोप पत्र अदालत में पेश किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से चार गवाह पेश किए गए। साक्ष्यों व दलीलों के आधार पर न्यायाधीश ने तीनों को दोषी करार देते हुए सात-सात वर्ष की सजा व जुर्माना सुनाया। तीनों को जेल भेज दिया गया।

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किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को दस वर्ष का सश्रम कारावास, 50 हजार जुर्माना

जागरण संवाददाता, बांदा : करीब पांच वर्ष पहले किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने गुरुवार को दस वर्ष का सश्रम कारावास और पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माने अदा नहीं करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। जुर्माने की अस्सी फीसद राशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने का आदेश दिया है।

अभियोजन के सहायक शासकीय अधिवक्ता रामसुफल सिंह गौर ने बताया कि गिरवां थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 16 वर्षीय पीड़िता ने पांच सितंबर 2015 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बताया था कि गांव के चिरौंजी लाल लोध ने 27 जनवरी 2015 को खेत जाते समय उसे जबरन कब्जे में ले लिया और दुष्कर्म किया। लोकलाज के भय से उसने किसी को घटना को जानकारी नहीं दी। जब वह आठ माह की गर्भवती हो गई, तब उसने तहरीर दी। विवेचक ने अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया। सुनवाई के दौरान पांच गवाह पेश किए गए। साक्ष्यों व दलीलों के आधार पर न्यायाधीश ने गुरुवार को चिरौंजी लाल को सजा सुनाई। सजा के बाद उसे जेल भेज दिया गया।

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