जुबां पर जय श्रीराम, मंदाकिनी में लगाई आस्था की डुबकी

जागरण संवाददाता चित्रकूट आषाढ़ मास की अमावस्या पर मंगलवार तड़के से श्रद्धालुओं का रेला

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jul 2019 10:52 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 06:22 AM (IST)
जुबां पर जय श्रीराम, मंदाकिनी में लगाई आस्था की डुबकी
जुबां पर जय श्रीराम, मंदाकिनी में लगाई आस्था की डुबकी

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : आषाढ़ मास की अमावस्या पर मंगलवार तड़के से श्रद्धालुओं का रेला चित्रकूट पहुंचने की सिलसिला शुरू हो गया। कइयों ने रात में ही डेरा जमाकर सुबह-सुबह मंदाकिनी स्नान किया। सुबह से लेकर रात तक सिलसिला बरकरार रहा। मंदाकिनी स्नान के बाद कामदगिरि परिक्रमा लगाई। साथ में सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी, हनुमानधारा व स्फटिक शिला चारधाम की यात्रा भी की। जुबां पर जय श्रीराम के घोष संग श्रद्धालुओं के मन में आस्था हिलोरें लेती रहीं।

सोमवार शाम से ही देश-दुनिया के श्रद्धालु चित्रकूट में जुटने लगे। कर्वी रेलवे स्टेशन, बस अड्डा से लेकर निजी वाहनों पर आने वालों का तांता लगा रहा। मंगलवार तड़के से चित्रकूटधाम कर्वी रेलवे स्टेशन के बाहर जय श्रीराम के जयकारे गूंजने लगे। ई-रिक्शा, टेंपो, पैदल व निजी वाहनों पर आए श्रद्धालुओं का रुख रामघाट मंदाकिनी तट की तरफ दिखाई पड़ा। जगह-जगह जयघोष से माहौल भक्तिमय हो गया। मंदाकिनी स्नान के लिए रामघाट, पुल घाट, शिव घाट, आरोग्यधाम, बूड़े हनुमान मंदिर की ओर घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई। बसों, ट्रेनों पर खचाखच भीड़ नजर आई। मंगलवार रात तक यह सिलसिला बरकरार रहा।

श्रद्धालु की कटी जेब, खंभे में उतरा करंट

मंगलवार सुबह परिक्रमा पथ पर कानपुर के निराला नगर किदवईनगर से आए श्रद्धालु विष्णु कांत दीक्षित पुत्र अनूप कुमार दीक्षित की जेब कट गई। जेबकतरे उनका मोबाइल और पर्स ले गए। हजारों रुपये कीमत का मोबाइल व पर्स में रखे करीब 400 रुपये गायब होने से वह काफी देर तक परेशान रहे। इससे सुरक्षा की पोल भी खुल गई। उधर, परिक्रमा पथ पर स्थित अक्षय वट के पास खंभे में करंट उतर आया। सुबह आठ बजे हुई घटना के बाद आसपास हड़कंप मच गया। आनन-फानन सूचना देकर विद्युत विभाग के अफसरों को बुलाया गया। उनके तार ठीक करने पर करंट बंद हुआ। करंट ठीक होने से बड़ा हादसा टल गया।

राम घाट पर हुई परेशानी

रामघाट टेंपो स्टैंड के पास किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण टेंपो, ई-रिक्शा से लेकर ट्रकों की धमाचौकड़ी बनी रही। इससे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब एक से डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चलकर कामदगिरि तक पहुंच सके।

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