सफाई के नाम पर हर माह 28 हजार लग रहे ठिकाने

जागरण संवाददाता, बांदा : मंडी परिसर की सफाई के लिए हर साल ठेका होता है। इस साल हर म

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Sep 2018 10:00 PM (IST) Updated:Sun, 16 Sep 2018 10:00 PM (IST)
सफाई के नाम पर हर माह 28 हजार लग रहे ठिकाने
सफाई के नाम पर हर माह 28 हजार लग रहे ठिकाने

जागरण संवाददाता, बांदा : मंडी परिसर की सफाई के लिए हर साल ठेका होता है। इस साल हर माह 28 हजार रुपये में ठेका की नीलामी हुई। अधिकारियों की साठगांठ से चहेते को ठेका दिला दिया गया। नतीजे में किसान व आढ़तियों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। मंडी परिसर की नालियां गंदगी से चोक हैं। शौचालय बंद पड़ा है। सफाई के नाम पर महज औपचारिकता होती है।

शासन ने क्लीन मंडी-ग्रीन मंडी का नारा देते हुए सभी मंडी परिषदों को साफ-सुथरा रखने और हरा भराने के निर्देश दिए थे। लेकिन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेर दिया है। मंडल मुख्यालय की मंडी समिति में सफाई के लिए शहर के स्वराज कालोनी की फर्म ने ठेका ले रखा है। समिति की ओर से फर्म को हर माह 28 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है। फिर मंडी परिषद की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। मंडी समिति परिसर की नालियां पूरी तरह चोक हैं। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे है। छुट्टा गाय और सुअरों के झुंड से समिति चिड़िया घर नजर आती है। मंडी में हर रोज करीब 500 किसान अनाज, सब्जी व फल लेकर आते हैं। सुविधाओं के नाम पर उनसे टैक्स भी लिया जाता है। लेकिन उन्हें ठेंगा दिखाया जा रहा है। खासकर फल व सब्जी व्यवसायी गंदगी से परेशान हैं। एकमात्र शौचालय में ताला बंद है। बाहर से रंगाई-पुताई है, लेकिन अंदर से निष्प्रयोज्य है। इसमें ताला पड़ा है। मंडी आने वाले किसानों को शौच की इच्छा होने पर खुले में जाना पड़ रहा है।

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बोले व्यापारी

-मुख्यमंत्री के दौरे के समय उधर की कुछ नालियां साफ की गई थीं, लेकिन सब्जी व फल व्यवसायियों की तरफ कभी झाड़ू नहीं लगती। गंदगी से बैठना दूभर है।-अशोक भागवानी

-सचिव को कई बार ज्ञापन दिया गया, लेकिन सफाई को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। गंदगी में व्यापारी व किसान बीमार हो रहे हैं। उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।-सुबराती

-छुट्टा जानवर व्यापारियों का बहुत नुकसान करते हैं। थोड़ी नजर चूकी तो जानवर सब्जी व फल खा जाते हैं। जानवरों का इंतजाम नहीं किया जा रहा है।-इमरान

-ठेकेदार यहां की सचिव का खास है। इसलिए वह सफाई को लेकर गंभीरता नहीं दिखातीं। मंडी समिति में गंदगी व सब्जी-फलों के सड़ांध से जीन दुश्वार है।-मुन्ना

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-सफाई के लिए पांच कर्मचारी लगाए गए हैं। वह नियमित झाड़ू लगाते हैं। लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी। अन्ना जानवरों के लिए कुछ नहीं किया जा सकता।-विभा खरे, मंडी सचिव

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