बच्चों ने कूड़े से तैयार किए आकर्षक मॉडल

विज्ञान कार्यशाला नन्हें विज्ञानियों ने कबाड़ से विज्ञान के रोचक व शिक्षा परक मॉडल्स बनाकर लोगों का दिल जीता। मानव शरीर रचना प्रकरण पर प्रतिभागियों ने चार समूहों में काम करते हुए मॉडल बनाया। मानव मस्तिष्क फेफड़े ह्रदय उत्सर्जन तंत्र आहार एवं पाचन तंत्र आदि की क्रिया प्रणाली को सहजता समझा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 11:36 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 06:10 AM (IST)
बच्चों ने कूड़े से तैयार किए आकर्षक मॉडल
बच्चों ने कूड़े से तैयार किए आकर्षक मॉडल

संवाद सहयोगी, अतर्रा : विज्ञान कार्यशाला नन्हें विज्ञानियों ने कबाड़ से विज्ञान के रोचक व शिक्षा परक मॉडल्स बनाकर लोगों का दिल जीता। मानव शरीर रचना प्रकरण पर प्रतिभागियों ने चार समूहों में काम करते हुए मॉडल बनाया। मानव मस्तिष्क, फेफड़े, हृदय, उत्सर्जन तंत्र, आहार एवं पाचन तंत्र आदि की क्रिया प्रणाली को सहजता समझा।

शैक्षिक संवाद मंच द्वारा प्रथम साइंस प्रोग्राम, नई दिल्ली के सहयोग से कस्बे में शिक्षक प्रमोद दीक्षित 'मलय' के आवास पर दो दिवसीय विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बच्चों ने गत्तों, सुतली, कंकड़ों और बेकार पड़ी अन्य वस्तुओं से विभिन्न प्रकार के मॉडल्स बनाकर विज्ञान के सिद्धांतों को सहजता से समझा। कार्यशाला में 15 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं एवं 12 से अधिक बच्चों ने सहभागिता की। शुभारंभ पूर्व संकुल प्रभारी रामकिशोर पांडेय ने दीप प्रज्वलन कर किया। कहा कि विज्ञान हमारे दैनिक जीवन व परिवेश में बिखरा हुआ है। विज्ञान के ज्ञान के अभाव में व्यक्ति सत्य से अनजान ठगों के चमत्कार में फंस जाता है। समाज में व्याप्त अंधविश्वास, कुरीतियों एवं जंतुओं के विरुद्ध विज्ञान का प्रचार प्रसार ही जागरूकता ला सकता है। इसलिए इस कार्यशाला माध्यम से हम बेकार पड़ी वस्तुओं से मॉडल बनाकर न केवल वैज्ञानिक सिद्धांतों को समझेंगे, बल्कि आम जन में वैज्ञानिक चेतना का प्रसार भी कर सकेंगे। मास्टर ट्रेनर बाल विज्ञान खोजशाला कौशांबी व प्रयागराज के केंद्र प्रभारी सुरेंद्र कुमार और रीजनल कोआर्डिनेटर प्रथम विज्ञान कार्यक्रम राजेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में जिले से आए हुए बच्चों ने कबाड़ से विज्ञान के रोचक एवं शिक्षा परक मॉडल्स बनाए। बच्चों ने गणित के विभिन्न आकार आयत, वर्ग, घन, घनाभ, शंकु, बेलन, गोला आदि को समझा। पवन पटेल व सुधा सिंह राजपूत, प्रियंका सिंह, अरविद, विनोद गुप्ता आदि ने विज्ञान सीखने की तरकीब बताई। प्रमोद दीक्षित मलय ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व भोपाल से प्रकाशित पत्रिका भेंट की। मास्टर्स ट्रेनर्स को स्मृति चिह्न दिया। कार्यशाला में रामकिशोर पांडेय, इंद्रवीर सिंह, रीता गुप्ता, सौरभ गुप्ता, चंद्रशेखर सेन, बलराम दत्त गुप्त, अरविद द्विवेदी, गोकुल अग्निहोत्री, स्वयंसेवी शिवकुमार व अक्षांश पांडेय, राज पांडेय, ऋषभ गुप्ता, मनु पांडेय, दीपांशु, शुभांशु, अर्पित दुबे, अंशिका दीक्षित, अंशुमान आदि छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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