मानसून में बढ़ सकता है हेपेटाइटिस का संक्रमण, लापरवाही पड़ सकती है भारी
हेपेटाइटिस से बढ़ती बीमारी लापरवाही पड़ सकती है भारी
मानसून में बढ़ सकता है हेपेटाइटिस का संक्रमण, लापरवाही पड़ सकती है भारी
पवन मिश्र, बलरामपुर : हेपेटाइटिस का संक्रमण तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। यह खून के माध्यम से लिवर में प्रवेश करता है। यह कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है। इसमें लिवर फेलियर सबसे प्रमुख है। इसके लक्षण भी पीलिया जैसे ही होते हैं। इसे लोग पहचान नहीं पाते हैं जो बाद में जानलेवा साबित होता है। शरीर व आंख पीली पड़ने, बुखार आदि होता है। खून जांच में बीमारी की पहचान होती है। साथ ही मानसून के दिनों में हेपेटाइटिस के संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है। संपर्क में आने पर फैलता है संक्रमण: यह वायरस इंफेक्शन है जो एक से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैलता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल जल समेत अन्य चीजों व असुरक्षित यौन संबंध से भी फैल सकता है। संक्रमित गर्भवती के बच्चे को भी आशंका रहती है। बचाव के लिए 2021-22 मार्च में 38995 हेपेटाइटिस बी के टीके नवजातों को लगाए गए थे। अधिक खतरनाक साबित हो रहा हेपेटाइटिस बी : हेपेटाइटिस के वायरस पांच तरह के होते हैं। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई। ज्यादा खतरनाक हेपेटाइटिस बी है। छह महीने के हेपेटाइटिस बी इंफेक्शन को एक्यूट माना जाता है। सही इलाज पर मरीज ठीक हो जाते है। अगर छह महीने बाद भी हेपेटाइटिस बी वायरस टेस्ट पाजिटिव आए तो ये क्रानिक ( लंबे समय तक बना रहने वाला) रोग बन जाता है। इससे लिवर कैंसर और लिवर सिरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। मानसून में अधिक फैलती बीमारी : संयुक्त जिला चिकित्सालय के सीएमएस डा. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह बीमारी मानसून में अधिक फैलती है। ऐसे मौसम में तैलीय, मांसाहारी, मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचे। टूथ ब्रश और रेजर साझा न करें। शराब पीने से बचें। सफाई का विशेष ध्यान रखें। जन्म के समय 24 घंटे के भीतर बच्चे को हेपेटाइटिस बी का टीका लगता है। छह,10, 14 सप्ताह पर लगने वाली पेंटा में भी शामिल रहता है। इसे जरूर लगवाएं। हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्राउन राइस विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ, सूखे खजूर, पपीता , नारियल पानी , बादाम, इलायची खाना चाहिए।