Balrampur News : बलरामपुर में 'अवध' में पूर्वजों की धरोहर और स्थापत्य कला को नवजीवन दे रही नई पीढ़ी

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में राज परिवार की विरासत को सहेजने की पहल हुई है। इसके तहत यहां के भवनों और मंदिरों को संवारा जा रहा है। करीब 600 साल पहले राजा माधव सिंह ने सिटी पैलेस और शिवालय बनवाया था। इन्हें स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है। एडविन लुटियंस ने दिल्ली की तरह इनके लिए भी डिजाइन बनाई थी।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh Sahu Publish:Wed, 17 Apr 2024 07:46 PM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2024 07:47 PM (IST)
Balrampur News : बलरामपुर में 'अवध' में पूर्वजों की धरोहर और स्थापत्य कला को नवजीवन दे रही नई पीढ़ी
Balrampur News : बलरामपुर में 'अवध' में पूर्वजों की धरोहर और स्थापत्य कला को नवजीवन दे रही नई पीढ़ी

HighLights

  • बलरामपुर राज परिवार के द्वारा बनवाए गए भवनों-मंदिरों को संवारने-संजोने की पहल
  • वर्ष 1450 में राजा माधव सिंह के बनवाए सिटी पैलेस व शिवालय को पुनः मिली भव्यता
  • स्थापत्य कला का अप्रतिम उदाहरण कहा जाने वाला बिजलेश्वरी देवी मंदिर भी संवरेगा
  • दिल्ली में लुटियंस क्षेत्र के भवन डिजाइन करने वाले एडविन लुटियंस ने भवनों के मानचित्र किए थे तैयार

श्लोक मिश्र, बलरामपुर। रियासत के दौर में बनीं इमारतें उसके समृद्ध व गौरवशाली अतीत की दास्तां बयां करती हैं। राज परिवार द्वारा बनवाए गए सदियों पुराने भवनों-मंदिरों को संवारने-संजोने की पहल नई पीढ़ी ने शुरू की है। राज परिवार ने ऐतिहासिक मंदिर व अन्य इमारतों के सुंदरीकरण के लिए दिल्ली के आर्किटेक्ट को जिम्मेदारी दी है।

दिल्ली में लुटियंस क्षेत्र के भवन डिजाइन करने वाले इंग्लैंड के आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने भवनों के मानचित्र तैयार किए थे। वर्ष 1450 में राजा माधव सिंह द्वारा बलरामपुर राज की स्थापना हुई।

उनके वंशज व 15वें महाराजा पाटेश्वरी प्रसाद सिंह द्वारा 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में बनवाए सिटी पैलेस व रानी तालाब स्थित शिवालय को पुनः भव्यता मिली है। स्थापत्य कला का अप्रतिम उदाहरण कहा जाने वाला बिजलेश्वरी देवी मंदिर भी संवरेगा। दिल्ली के इंजीनियर ने भव्य इमारतों को आकर्षक बनाना शुरू कर दिया है।

देश की आजादी के पहले बलरामपुर रियासत का दौर था। अंग्रेजी शासनकाल के दौर में बलरामपुर रियासत ने प्रजा की सुख-सुविधाओं के लिए कई धरोहरें सुरक्षित की थीं। राज परिवार की संपत्ति लखनऊ, दिल्ली, नैनीताल, बलरामपुर में मुख्य रूप से है।

राजा माधव सिंह ने अपने पुत्र बलराम शाह के नाम से 1450 में बलरामपुर राज की स्थापना की थी। उस दौर में राज परिवार ने कई भव्य इमारतों व मंदिरों का निर्माण कराया था। 15वें राजा के रूप में गद्दी संभालने वाले महाराजा पाटेश्वरी प्रसाद ने इंग्लैंड के आर्किटेक्ट को बुलाकर भव्य मंदिरों एवं भवनों का मानचित्र तैयार कराया।

जो आज धरोहर के रूप में विद्यमान हैं। नगर के हृदय स्थल पर स्थित सिटी पैलेस अपनी अद्भुत कलाकृति के लिए आज भी पहचाना जाता है। राजपरिवार के प्राचीन महल के मेहराब व गुंबद ब्रिटिश स्थापत्य कला से सराबोर हैं।

महारानी लाल कुंवरि महाविद्यालय में राष्ट्रपति भवन व स्टेच्यू हाल पर मुंबई के शिवाजी टर्मिनल (पहले विक्टोरिया टर्मिनल) की स्पष्ट झलक दिखती है। महाविद्यालय आज भी राज परिवार के संरक्षण में है।

महाविद्यालय से सटे सिटी पैलेस में बीएड विभाग संचालित है। इसी तरह जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर स्थित बिजलेश्वरी देवी मंदिर की दीवारों पर बनी नक्काशियां स्थापात्य कला का नमूना हैं।

इनका हो चुका सुंदरीकरण

राज परिवार के17वें व वर्तमान महाराजा जयेंद्र प्रताप सिंह ने मार्च 2021 में पूर्वजों की धरोहरों को सहेजने की कवायद शुरू की थी। दिल्ली के आर्किटेक्ट के निर्देशन में सिटी पैलेस के क्षतिग्रस्त मेहराब व गुंबदों को पुन: भव्यता प्रदान की जा चुकी है।

रानी तालाब स्थित प्राचीन शिव मंदिर के क्षतिग्रस्त भवन की मरम्मत कराकर दर्शनार्थियों के लिए सुलभ बनाया गया है। मंदिर के अंदर शिवलिंग व अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की साज-सज्जा की गई है। शिवालय को और आकर्षक बनाने के लिए सीढ़ी, बुर्ज व चहारदीवारी का निर्माण चल रहा है।

इन इमारतों की बदलेगी काया

बिजलेश्वरी देवी मंदिर के महंत कृष्णपाल भारती ने बताया कि देवी जी के मंदिर की सफाई, धर्मशाला का सुंदरीकरण व चहारदीवारी का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए राज परिवार से आग्रह किया गया था। एमएलके महाविद्यालय में स्थित स्टेच्यू हाल में महाराजा दिग्विजय प्रताप सिंह की मूर्ति पर पालिश, पत्थर, संगमरमर आदि का कार्य कराया जाएगा।

जल्द होगा कायाकल्प

राज परिवार ट्रस्ट के महाप्रबंधक सेवानिवृत्त कर्नल आरके मोहंता ने बताया कि दिल्ली के इंजीनियर मोहम्मद कासिम ने पैमाइश कर प्राक्कलन तैयार किया था। उसी के अनुरूप इमारतों का कायाकल्प किया जा रहा है।

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