यहां आने पर बढ़ जाता है मरीजों का दर्द

बलरामपुर : स्वास्थ्य सेवा सुधारने के लिए प्रदेश सरकार भले कटिबद्ध क्यों न हो, लेकिन चिकित्सका

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Sep 2018 10:56 PM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 10:56 PM (IST)
यहां आने पर बढ़ जाता है मरीजों का दर्द
यहां आने पर बढ़ जाता है मरीजों का दर्द

बलरामपुर : स्वास्थ्य सेवा सुधारने के लिए प्रदेश सरकार भले कटिबद्ध क्यों न हो, लेकिन चिकित्सकों व अफसरों की कार्यशैली से उसकी मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही है। आठ बजे खुलने वाले जिला मेमोरियल अस्पताल में दस बजे तक चिकित्सक की कुर्सी खाली रहती है। उल्टी-दस्त व बुखार से मरीजों की आमद बढ़ गई है। यहां जीवन रक्षक दवाएं भी नहीं हैं। प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को रेफर कर दिया जाता है। चिकित्सक की आड़ में सफाई कर्मी भी 9.30 बजे तक वार्ड में झाड़ू लगाना मुनासिब नहीं समझते हैं। सीएमएस डॉ. एसएचआइ जैदी जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

इनकी कुर्सी रही खाली

- शनिवार को 9.35 से 9.55 के बीच हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्ञान प्रकाश तिवारी, डॉ. आरडी तिवारी, डॉ. पीएन पुरवार व डॉ. राजेश कुमार ¨सह की कुर्सी खाली मिली। बाहर बैठे मरीज उनके आने का इंतजार करते रहे। डेंटल सर्जन डॉ. एमबी ¨सह परिसर में टहलते मिले। एक प्रशिक्षु उनके कमरे में मरीज देख रही थी। कमरा नंबर चार में डॉ. पीके ¨सह व 21 में डॉ. अजय कुमार पांडेय ओपीडी करते मिले। कर्मचारी ने बताया कि डॉ. रमेश पांडेय राउंड पर हैं।

दवा के अभाव में रेफर हो रहे मरीज- बरसात के मौसम में बुखार, उल्टी दस्त, सांस फूलने, सांप डंसने व बिच्छू से पीड़ित मरीज अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन इमरजेंसी में पेरीनार्म, मेट्रोजिल व एंटीबायोटिक इंजेक्शन समेत कई प्रमुख दवा नहीं है। ऐसे में मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया जाता है। ड्रग स्टोर में जरूरी दवा न होने से मरीजों को बाहर की दवा भी लिखी जाती है।

फार्मासिस्ट देते हैं जांच रिपोर्ट

- अस्पताल में तैनात पैथालॉजिस्ट डॉ. एसके श्रीवास्तव शनिवार को लैब से नदारद मिले। लैब टेक्नीशियन आरके गुप्त व आरके चौधरी जांच करते मिले। इन कर्मियों ने नियमों को ताक पर रखकर बिना पैथालॉजिस्ट से हस्ताक्षर कराए मरीजों को रिपोर्ट भी जारी कर दी।

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