भारी पड़ रहा हेलमेट न लगाने का खतरा, हर माह 60 से 70 हेड इंजरी

चोट की अनदेखी से भी बढ़ रहा खतरा न्यूरो सर्जन की कमी से भी स्थिति गंभीर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 10:07 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 10:07 PM (IST)
भारी पड़ रहा हेलमेट न लगाने का खतरा, हर माह 60 से 70 हेड इंजरी
भारी पड़ रहा हेलमेट न लगाने का खतरा, हर माह 60 से 70 हेड इंजरी

बलरामपुर : हेलमेट न लगाने समेत यातायात नियमों के प्रति लापरवाही का खतरा वाहन चालकों पर भारी पड़ रहा है। जिला संयुक्त अस्पताल स्थित सीटी स्कैन सेंटर में हर माह 60 से 70 मामले सिर में चोट लगने के आ रहे हैं। इनमें आधे से अधिक मामलों में चोट लगने का कारण मार्ग दुर्घटनाएं होती हैं। लेटलतीफी के साथ न्यूरो सर्जन न होने से घायल को ठीक से इलाज नहीं मिल पाता है। जनरल सर्जन इलाज करने के बजाय सिर में चोट देखते ही न्यूरो सर्जन का मामला बताकर रेफर करने में जुट जाते हैं। ऐसे में जब तक घायल लखनऊ पहुंचता है, तब तक उसकी हालत गंभीर हो जाती है। हर माह छह से सात लोगों की मौत हो जाती है, जबकि 10 से 12 लोग कोमा में चले जाते हैं। वहीं, पीड़ित का पूरा परिवार तबाह हो जाता है। नहीं है न्यूरो सर्जन, महंगी पड़ रही लापरवाही :

- सिर में चोट लगने के प्रमुख लक्षणों में सिर, चेहरे, नाक, कान से खून बहना, लगातार उल्टियां होना, संतुलन खो जाना, बार-बार बेहोश होना, आंख की पुतली का असामान्य होना शामिल हैं। कई बार बिना बाहरी चोट के भी दिमाग में इंजरी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बाहर से घाव नहीं दिखता, लेकिन अंदर खून के थक्के जम जाना व फ्रैक्चर हो जाने की आशंका रहती है।

अस्पताल पहुंचाने में बरतें सावधानी :

- जिला संयुक्त चिकित्सालय में सीडी रेडियोग्राफर विवेक कुमार ने बताया कि हर माह हेड इंजरी के 60 से 70 मामले आ रहे हैं। इनमें अधिकांश सड़क हादसों के घायल शामिल होते हैं। मेमोरियल जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि सिर में चोट हो तो मरीज को हिलाए-डुलाएं नहीं, बल्कि अस्पताल ले जाएं। सांस लेने में दिक्कत तो कृत्रिम सांस दें। उल्टी हो रही हो तो एक करवट लिटा दें। रक्त बहने से रोकें, लेकिन घाव दबाने की भूल न करें। सिर का घाव गहरा हो तो धोएं भी नहीं। घाव से चिपकी किसी वस्तु को बाहर निकालने का प्रयास जानलेवा हो सकता है।

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