अफसरों की न पड़ी नजर..खौफ के साए में सरकारी भवन
151 जर्जर विद्यालय भवनों के प्रति समिति उदासीन सरकारी भवनों में कर्मियों की जान जोखिम में
बलरामपुर: जिले में बड़ी संख्या में खंडहर में तब्दील विद्यालय भवन, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र व पशु चिकित्सालयों का पुरसाहाल नहीं है। राज्य एवं 14वें वित्त आयोग से खूब बजट खर्च हुआ। फिर भी अधिकांश सरकारी भवनों की काया जर्जर ही रह गई। जिम्मेदार अफसरों ने इस ओर देखना मुनासिब नहीं समझा।
151 जर्जर विद्यालय भवनों की सुधि नहीं ले रहे अफसर:
जिले के परिषदीय स्कूलों के जर्जर भवनों की नीलामी व मरम्मत में अफसर रुचि नहीं ले रहे हैं। नगर क्षेत्र व सभी नौ ब्लाकों में 151जर्जर विद्यालय चिह्नित किए गए हैं। गैंसड़ी, गैंड़ासबुजुर्ग, श्रीदत्तगंज, हरैया सतघरवा, तुलसीपुर, उतरौला, पचपेड़वा, बलरामपुर, रेहराबाजार व नगर क्षेत्र में जर्जर विद्यालय चिह्नित हैं। इन्हें ढहाने व मरम्मत के लिए अधिशासी अभियंता आरईएस, लोक निर्माण विभाग व लघु सिचाई विभाग के सहायक अभियंता की तीन सदस्यीय समिति नामित की गई है, लेकिन बदहाल भवनों की नीलामी व मरम्मत नहीं हो सकी। ऐसे में बदहाल भवन दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। बीएसए डा. रामचंद्र ने बताया कि जर्जर भवनों की नीलामी का जिम्मा बीईओ, एडीओ पंचायत व सहायक एवं वित्त लेखाधिकारी को सौंपा गया है।
कार्यालय भवन भी जर्जर:
विकासखंड हरैया सतघरवा स्थित पशु चिकित्सालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का आवास जर्जर है। बीडीओ सागर सिंह का कहना है कि कर्मचारी आवास के लिए पत्राचार किया गया है। गैंसड़ी के रामपुर रेंज की वन संपदा, जलाशयों की रक्षा भगवान भरोसे है।
वर्षो पहले बने आवास व कार्यालय भवन जर्जर है। जान जोखिम में डालकर कर्मचारी जंगल की रखवाली कर रहे हैं। तुलसीपुर ब्लाक मुख्यालय कौवापुर में वर्ष 1965 में बना पंचायत अधिकारी का आवास व कार्यालय जर्जर है। बीडीओ संजय कुमार ने बताया कि बजट की मांग की गई है। शीघ्र ही मरम्मत कार्य कराया जाएगा।