कोरोना से एक बच्चा मिला अनाथ, 27 ने खोए मां या बाप
12 बचों को आर्थिक सहायता का मिला स्वीकृति पत्र बचे हुए बचों को मदद का इंतजार
बलरामपुर: कोरोना संक्रमण के कारण अपने माता-पिता या दोनों में किसी एक को खोने वाले बच्चों को मदद देने की पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को शुरू कर दी है। जिले में 10 परिवार के 27 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता और पिता में से एक की मौत कोरोना से हुई है। एक परिवार का एक बच्चा पूरी तरह अनाथ हैं। इनके सिर से मां-बाप दोनों का साया कोरोना ने छीन लिया है। अब तक इन बच्चों को कोई सरकारी सहायता नहीं मिल सकी है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के शुभारंभ पर 12 बच्चों को तीन माह के लिए चार हजार के हिसाब से 12 हजार रुपये हस्तांतरण का स्वीकृति पत्र मिला है। 16 बच्चों की आर्थिक सहायता अभी अधर में है।
कोविड-19 की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा दिया। संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ पीड़ितों की मौत का आंकड़ा भी जिले में 138 पहुंच गया। इसमें कई परिवारों ने आय अर्जित करने वाले अभिभावकों को खो दिया। ऐसे में केंद्र व प्रदेश सरकार ने बच्चों को संभालने के लिए योजना की सौगात दी है। योजना का लाभ पात्रों को दिलाने के लिए जिला प्रोबेशन विभाग ने 28 अनाथ बच्चों को चिह्नित किया है।
एक ही बच्चा मिला अनाथ:
श्रीदत्तगंज ब्लाक के ग्राम पंचायत महुआढार के प्रधान शम्सुद्दीन खां ने जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में गांव के एक परिवार के तीन बच्चों के अनाथ होने की सूचना दी थी। बच्चों के माता केसरी बानो व पिता अब्दुल अजीज की मौत हो गई थी। बच्चे अपने बाबा के पास रह रहे थे। बावजूद इसके प्रोबेशन विभाग को जिले में एक ही बच्चा अनाथ क्यों मिला, यह सवाल खटक रहा है। शुरू हो गई मदद की पहल:
जिला प्रोबेशन अधिकारी सतीश चंद्र का कहना है कि 10 परिवार के 28 बच्चों को योजना का लाभ देने के लिए चयनित किया गया है। सत्यापन के बाद गुरुवार को 12 बच्चों को मदद मिलने की पहल शुरू हो गई है। बचे हुए 16 बच्चों को भी जल्द ही आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की भी प्रक्रिया चल रही है।