आरोग्य मित्रों को आठ माह से नहीं मिला मानदेय

दूसरों को दे रहे पांच लाखखुद-खुद दाने को मोहताज

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jul 2022 10:46 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jul 2022 10:46 PM (IST)
आरोग्य मित्रों को आठ माह से नहीं मिला मानदेय
आरोग्य मित्रों को आठ माह से नहीं मिला मानदेय

आरोग्य मित्रों को आठ माह से नहीं मिला मानदेय

संवादसूत्र, बलरामपुर : जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दंभ भरने वाले अधिकारी संवेदनहीन होते जा रहे हैं। 5600 रुपये प्रतिमाह की नौकरी कर रहे आरोग्य मित्रों को जबरन गांव-गांव भेजा जा रहा है। सीडीओ ने इन्हें स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी देने का निर्देश दिया था जो अधिकारी नहीं दे पाए। गाड़ी की जगह यात्रा भत्ता देने का वादा कर सीएमओ भी भूल गए। अधीक्षक आरोग्य मित्रों को बजट आने पर ही यात्रा भत्ता दे पाने का झुनझुना थमा रहे हैं। उधर आठ माह से कई आरोग्य मित्रों को वेतन नहीं मिल पाया है लेकिन डीएम, सीडीओ व सीएमओ को इसकी जरा भी फिक्र नहीं है कि 5600 रुपये मानदेय पाने वाले आरोग्य मित्र कहां से प्रतिदिन 150 रुपये का पेट्रोल भराकर गांवों में गोल्डन कार्ड बनाएंगे। उधर आरोग्य मित्र जब मानदेय मांगते हैं तो उन्हें झिड़क दिया जा रहा है। अधीनस्थों की समस्या को नजरंदाज कर अधिकारी केवल शोषण कर रहे हैं जो आयुष्मान पखवाड़े की असफलता का कारण बन रहा है। शोषण पर चुप हैं अधिकारी स्वास्थ्य विभाग से आरोग्य मित्रों का मानदेय 10 हजार रुपये स्वीकृत है। गोंडा में सभी आरोग्य मित्रों को मिल भी रहा है, लेकिन यहां आउटसोर्सिंग कंपनी केवल इन्हें 5600 रुपये देती है जबकि मानदेय बिल में वह 6500 नकद देने का जिक्र करती है। गत दिनों इनकी संविदा जिला स्वास्थ्य समिति से करने की पहल शुरू हुई थी जो परवान नहीं चढ़ सकी। सिद्धार्थनगर व गोरखपुर समेत अन्य जिलों में यह व्यवस्था लागू बताई जा रही है। इतना नहीं तुलसीपुर में आठ माह,रेहरा में छह,गैसड़ी व शिवपुरा में भी चार माह से मानदेय नहीं मिला। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार का कहना है कि आरोग्य मित्रों के परेशानी की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जाएगी।

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