बढ़ रही है एड्स पीड़ितों की संख्या

बलरामपुर: सावधान हो जाइए कहीं आप को एड्स तो नहीं हैं? क्योंकि जिले में एड्स रोगियों की संख्या तेजी स

By Edited By: Publish:Mon, 30 Nov 2015 10:21 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2015 10:21 PM (IST)
बढ़ रही है एड्स पीड़ितों की संख्या

बलरामपुर: सावधान हो जाइए कहीं आप को एड्स तो नहीं हैं? क्योंकि जिले में एड्स रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। पिछले पांच वर्षो में जिले में एचआइवी के कुल 541 रोगी मिले हैं। जिनमें 154 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं।

जिले में एचआइवी पॉजिटिव लोगों की पहचान के लिए दिसंबर 2004 में जिला मेमोरियल अस्पताल में आइसीटीसी एवं जिला महिला अस्पताल में पीपीटीसीटी केंद्र की स्थापना की गई थी। इन केंद्रों पर जुलाई 2015 से रोगियों में एचआइवी की जांच शुरू हो गई। मेमोरियल अस्पताल के आइसीटीसी केंद्र पर सामान्य मरीज एवं महिला अस्पताल में स्थिति पीपीटीसीटी केंद्र पर गर्भवती महिलाओं को एड्स के प्रति जानकारी देने व उनका परामर्श देने का कार्य शुरू हो गया। केंद्र पर आने वाले मरीजों को परामर्शदाता सबसे पहले इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि उन दोनों के बीच की बातचीत को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। इसके बाद मरीज की सहमति से अस्पताल में बनी एचआइवी की लैब में उसके खून का सैंपल निकाल कर एचआइवी की जांच करते हैं। जहां एफआइएआरटी केंद्र पर तैनात चिकित्सक मरीज के खून का सैंपल लेकर सीडी-फोर की जांच कराकर उसके एचआइवी के स्तर का पता लगाते हैं।

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-गर्भवती महिलाओं का रखा जाता है विशेष ख्याल

जिला महिला अस्पताल में संचालित पीपीटीसीटी केंद्र की नोडल डॉ. नीना वर्मा ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के एचआइवी पॉजिटिव होने पर उनका विशेष ध्यान रखा जाता है। इन महिलाओं के सीडी-फोर की रिपोर्ट के आधार पर जनवरी से पहले बच्चे के जन्म से 72 घंटे के भीतर जच्चा-बच्चा दोनों को न्यूरापिन की खुराक दी जाती थी। साथ ही बच्चे के जन्म से 18 माह तक उस पर बराबर नजर रखी जाती है और उसके भी एचआइवी पॉजिटिव होने पर उसे भी एफआइएआरटी केंद्र रेफर कर दिया जाता है। सीएमएस ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को न्यूरापिन की खुराक दिए जाने के बाद उनसे पैदा होने वाले बच्चे के एचआइवी पॉजिटिव होने की संभावना 70 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

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-ये हैं लक्षण

लगातार बुखार, मुंह में छाले, धीरे-धीरे शरीर का वजन कम होना व प्राइवेट पार्ट के आसपास खुजली, दाने व फोड़ा आदि होना एचआइवी के लक्षण हो सकते हैं। शरीर में इनमें से कोई भी लक्षण होने पर तत्काल निकट के चिकित्सक से संपर्क करें। साथ ही एचआइवी की जांच अवश्य कराएं। जिससे समय रहते उसका इलाज किया जा सके।

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जिले में एचआइवी मरीजों की संख्या :

वर्ष - एचआइवी मरीज - गर्भवती महिला

2011 - 74 - 14

2012 - 91 - 28

2013 - 124 - 37

2014 - 142 - 37

2015 (नवंबर तक) - 110 - 38

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जिले के एचआइवी पॉजिटिव व्यक्ति को चिह्नित कर समय रहते उनका इलाज किए जाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिले के अस्पतालों में एचआइवी संबंधी सभी जांच और दवाएं निश्शुल्क उपलब्ध हैं। लोगों को इसके प्रति थोड़ी सी जागरुकता दिखानी चाहिए और शरीर में एसआइवी संबंधी कोई भी लक्षण दिखने पर उसे तत्काल एचआइवी की जांच करानी चाहिए। जिससे समय रहते उसका इलाज किया जा सके। इस खतरनाक बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके।

- डॉ. जयंत कुमार

प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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