पर्यावरण संरक्षण में महिलाएं ला सकती हैं बड़ा बदलाव

आज के परिवेश में महिलाएं पुरूषों से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इसलिए समाजिक क्षेत्र में भी उनकी भूमिका बराबर की होनी चाहिए। आधी अबादी चाह दे तो हर क्षेत्र में बदलाव ला सकती है। आज हमारे समाने सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण को नुकसान पहुचने से बचाने की है। हमारी कमियों के चलते ही बड़ा नुकसान पहुंच रहा है। यह बातें इनर व्हील संस्था की नंदनी तिवारी ने कही।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 05:09 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 05:09 PM (IST)
पर्यावरण संरक्षण में महिलाएं ला सकती हैं बड़ा बदलाव
पर्यावरण संरक्षण में महिलाएं ला सकती हैं बड़ा बदलाव

जागरण संवाददाता, बलिया : आज के परिवेश में महिलाएं पुरुषों से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इसलिए समाजिक क्षेत्र में भी उनकी भूमिका बराबर की होनी चाहिए। आधी अबादी चाह दे तो हर क्षेत्र में बदलाव ला सकती है। आज हमारे समाने सबसे बड़ी चुनौती पर्यावरण को नुकसान पहुंचने से बचाने की है। हमारी कमियों के चलते ही बड़ा नुकसान पहुंच रहा है। यह बातें इनर व्हील संस्था की नंदनी तिवारी ने कही। वह बुधवार को सहरसपाली में संस्था की अध्यक्ष अनिता की अध्यक्षता में पर्यावरण संरक्षण के प्रति संस्था की ओर से आयोजित जागरुकता अभियान में महिलाओं को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा हम अभी से भी यदि अपनी आदतों में बदलाव लाने की शुरूआत कर दें तो काफी हद तक सफलता मिल सकती है।

उन्होंने प्लास्टिक से पर्यावरण को पहुंच रहे नुकसान के बारे में महिलाओं को बताते हुए कहा कि घर की महिलाएं यदि पहल करें तो पुरूष समाज की आदत भी बदल सकती है। कभी भी बाजार जाते समय यदि महिलाएं घर के पुरूष को झोला पकड़ा दें तो पुरूष समाज बाजार से पॉलीथिन लेकर घर नहीं आएंगे। ऐसा नहीं होने के चलते ही बाजार से पुरूष समाज सामानों की खरीदारी पॉलीथिन वाले बैग में करके वापस लौटते हैं। इस मौके पर संस्था की अध्यक्ष अनीता व अन्य सदस्याओं के द्वारा कपड़े का झोला बनाने की ट्रेनिग दी गई। इस मौके पर प्रभा पांडेय, भारती सिंह, सविता, सुनीता सिंह आदि मौजूद थीं।

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