सावरकर-गोडसे और बापू को चाहने वालों के बीच चल रहा संघर्ष

सावरकर-गोडसे और बापू को चाहने वालों के बीच चल रहा संघर्ष

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 05:03 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 05:03 PM (IST)
सावरकर-गोडसे और बापू को चाहने वालों के बीच चल रहा संघर्ष
सावरकर-गोडसे और बापू को चाहने वालों के बीच चल रहा संघर्ष

जागरण संवाददाता, बलिया: विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि एनआरसी, एनपीआर और सीएए को लेकर चल रहा वर्तमान संघर्ष सावरकर, गोडसे को हीरो मानने वाली ताकतों और बापू को चाहने वालों के बीच है। इस संघर्ष में अंतत: जीत सत्य अहिसा के रास्ते चल रहे गांधीवादी सत्याग्रहियों की ही होनी है। इसलिए मैं उत्तर प्रदेश के अफसरों से खासतौर पर आग्रह कर रहा हूं कि वे संविधान की मर्यादा के अनुरूप आचरण करें। उत्साह में ऐसी हरकत नहीं करें कि कल शासन बदलने पर उन्हें रोने को आंसू नहीं मिले।

बुधवार को जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि लखनऊ व इलाहाबाद में चल रहे महिलाओं के सत्याग्रह से महात्मा गांधी की अहिसा का सम्मान बढ़ा है। लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला हर आम खास इन महिलाओं के सत्याग्रह को सैल्यूट कर रहा है और सरकार इस कड़ाके की ठंड में इनका कम्बल तक छीन रही है। शांतिपूर्ण सत्याग्रह में शामिल महिलाओं पर दंगा भड़काने का एफआईआर दर्ज कराना लोकतंत्र को कलंकित करने वाला व्यवहार है। सरकार इसे रोके नहीं तो समाजवादी इनके साथ मैदान में भी लामबंद होने के लिए विवश होंगे। कहा कि यूपी सरकार की इस बर्बर कार्रवाई से लोकतांत्रिक जगत में यूपी का सिर झुका हुआ है।

कहा कि सत्याग्रही महिलाओं के साथ हो रहे इस दु‌र्व्यवहार के लिए यूपी सरकार को माफी मांगनी चाहिए और इनके साहस और धैर्य को सार्वजनिक तौर ओर सैल्यूट करना चाहिए। यूपी की सरकार सभी मोर्चों पर फेल हो गई है।

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