मानव केंद्रित विकास वर्तमान समय की आवश्यकता

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By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 07:07 PM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 05:58 AM (IST)
मानव केंद्रित विकास वर्तमान समय की आवश्यकता
मानव केंद्रित विकास वर्तमान समय की आवश्यकता

जागरण संवाददाता, बलिया : पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के तत्वाधान में कोविड 19 मानव केन्द्रित बनाम अर्थ केन्द्रित विकास पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में आरडी विश्वविद्यालय जबलपुर के प्रो.एडीएन वाजपेयी ने कहा कि भौतिक विकास मनुष्य को सुख के साधन तो उपलब्ध करा सकते हैं परंतु आवश्यक नहीं कि वे मनुष्य को अंदर से भी खुश रख सकें। अंदर से खुशी तो उन्हें ही मिलती है जिसके शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का सही मायने में विकास हुआ हो। आज मानव केन्द्रित विकास वर्तमान की आवश्यकता है। अर्थ केन्द्रित विकास की आवश्यकता नहीं है।

अपने संबोधन में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय ने कहा कि जब तक भारत के लोगों ने भौतिक विकास की जगह आध्यात्मिक विकास का अनुसरण किया तब तक भारत विश्व गुरू बना था कितु जब से पाश्चात्य संस्कृति संग भौतिक विकास का मुखापेक्षी बनकर अन्धानुकरण करना शुरू किया...देश का अधोपतन होने लगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अश्विनी महाजन ने कहा कि जब तक जीडीपी से मुक्त नहीं होंगे तब तक मानव केन्द्रित अर्थव्यवस्था के बारे में चितन करना व्यर्थ है।

एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, दिल्ली के चेयरमैन प्रो. महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि जिस तरह राजनैतिक लोकतंत्र का पैमाना है हर वयस्क को मताधिकार। जहां के वयस्कों को मताधिकार नहीं रहता वहां राजनैतिक लोकतंत्र नहीं रहता है। प्रोफेसर एस डी पोद्दार, कुलपति त्रिपुरा विश्वविद्यालय, ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में शिक्षक शिष्य के मध्य जब तक भावनात्मक सम्बंध नहीं होंगे शिष्य में न अच्छे संस्कार का संचार होगा न ही अच्छे समाज का निर्माण होगा। सेमिनार एवं वेबिनार का संयोजन आयोजन सचिव डॉ. राम कृष्ण उपाध्याय ने किया।

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