मुश्किल में विद्यार्थी, प्राथमिक विद्यालय इनामीपुर बदहाल

लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर तो रही है लेकिन विभागीय उदासीनता से लोगों को इसका लाभ बहुत कम ही मिल रहा है। कुछ ऐसा ही हाल है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवारी का। जहां पर दवा तो दवा चिकित्सक की भी तैनाती नहीं की गई है। एक फार्मेसिस्ट की नियुक्ति की गई तो वह भी बहुत कम ही नजर आते हैं। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को बिना इलाज ही बैरंग वापस लौट जाना पड़ता है। कोटवारी एक बड़ी जनसंख्या वाला गांव है जिसके चलते अक्सर यहां मरीज इलाज हेतु आते हैं कितु विभागीय उदासीनता के चलते लोगों का समुचित उपचार नहीं हो पाता है। क्षेत्र के अशोक वर्मा शारदानंद पासवान आदि लोगों ने मुख्य चिकित्साधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस स्वास्थ्य केंद्र पर पर्याप्त दवाओं सहित चिकित्सकों की तैनाती की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Apr 2019 08:27 PM (IST) Updated:Tue, 30 Apr 2019 06:22 AM (IST)
मुश्किल में विद्यार्थी, प्राथमिक विद्यालय इनामीपुर बदहाल
मुश्किल में विद्यार्थी, प्राथमिक विद्यालय इनामीपुर बदहाल

जागरण संवाददाता, नगरा (बलिया) : प्रदेश की भाजपा सरकार जहां प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर हाईटेक करने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी प्राथमिक विद्यालय हैं जो विभागीय उपेक्षा का शिकार होकर बदहाल स्थिति में हैं।

क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय इनामीपुर को ही लिया जाए तो उसे देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार ही सरकारी की मंशा को चूना लगा रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय पर बना शौचालय खंडहर में तब्दील हो चुका है। शौचालय न होने से छात्र-छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खुले में शौच जाना छात्रों की विवशता है। छोटे-छोटे बच्चे बगल में स्थित नहर की पटरी का सहारा लेते हैं। हमेशा यह भय बना रहता है कि कहीं वह नहर के लबालब पानी में न डूब जाएं। विद्यालय पर लगा इंडिया मार्का हैंडपंप वर्षों से खराब पड़ा है। नौनिहालों को स्वच्छ जल भी नसीब नहीं हो पा रहा है। छात्र दूर जाकर पानी पीते हैं। विद्यालय में बाउंड्री तक नहीं है।

विद्यालय भवन को देखने के बाद यह प्रतीत हो रहा है कि उसकी कभी रंगाई-पोताई ही नहीं हुई है, जबकि रंगाई पोताई के लिए प्रति वर्ष भारी भरकम बजट आता है। विद्यालय परिसर में गंदगी का अंबार है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का कहना है कि शौचालय निर्माण व हैंडपंप मरम्मत के लिए कई बार शिकायत की गई कितु कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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