खिचड़ी आज, गंगा तट पर जुटेंगे श्रद्धालु

स्नान, दान व आस्था का पर्व ¨खचड़ी आज यानी मंगलवार को मनायी जाएगी। सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाए जाने वाले इस त्यौहार से सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाते हैं। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान-पुण्य का महत्व होने के साथ ही जप, तप, श्रद्धातर्पण तथा अनुष्ठानों करने का भी विधान है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jan 2019 05:55 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jan 2019 10:58 PM (IST)
खिचड़ी आज, गंगा तट पर जुटेंगे श्रद्धालु
खिचड़ी आज, गंगा तट पर जुटेंगे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, बलिया : स्नान, दान व आस्था का पर्व खिचड़ी आज यानी मंगलवार को मनायी जाएगी। सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाए जाने वाले इस त्योहार से सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाते हैं। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान व दान-पुण्य का महत्व होने के साथ ही जप, तप, श्रद्धा तर्पण तथा अनुष्ठानों करने का भी विधान है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान से अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। मकर संक्रांति में स्नान व दान का फल कई जन्मों तक मिलता है। तिल, गुड़, चूड़ा-दही, खिचड़ी आदि के साथ लकड़ी व अग्निदान का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन इन वस्तुओं के दान से एक हजार अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। इस दिन काली तिल, गुड़, कम्बल व खिचड़ी का दान करने की परम्परा है। इनका दान करने से व्यक्ति इस लोक के संपूर्ण भोगों का सुख लेकर मोक्ष को प्राप्त होता है। मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं की होने वाली भीड़ को देखते हुए सोमवार को नगर के महावीर घाट व शिवरामपुर घाट की साफ-सफाई का काम जोरों पर रहा। नपा कर्मचारी के साथ स्वयंसेवी संस्थानों ने भी इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। खिचड़ी पर्व का देखते हुए बाजार में भी काफी रौनक रही। लोगबाग तिल, गुड़, तिलकुट, तिलवा के अलावा अन्य सामानों को खरीदने में व्यस्त रहे। सहतवार निवासी पं. सागर ने बताया कि मकर संक्रांति पर कुछ विशेष कार्य करके घर की सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त किया जा सकता है। सूर्य को जल चढ़ाएं

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के बाद मनाए जाने वाले मकर संक्रांति पर्व पर प्रत्येक व्यक्ति को अ‌र्घ्य देना चाहिए। सूर्य का राशि परिवर्तन ज्योतिष में भी काफी महत्व रखता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर्मों के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इससे कुंडली में सूर्य दोष शांत होते हैं। साथ ही, ये स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। कुछ देर सूर्य की रोशनी में बैठें

मकर संक्रांति से ठंड का असर कम होना शुरू हो जाता है। इस दिन सूर्य की किरणें हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद रहती हैं। त्वचा की चमक बढ़ती है और शरीर को ऊर्जा मिलती है। सूर्य की किरणों के चमत्कारी असर को देखते हुए ही इस दिन पतंग उड़ाने की प्राचीन परंपरा चली आ रही है। मकर संक्रांति पर कुछ देर धूप में बैठना स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। तिल-गुड़ का सेवन करें

जाड़े के मौसम में तिल और गुड़ का सेवन करना लाभप्रद माना गया है। तिल और गुड़ की तासीर गर्म होती है जो कि हमारे शरीर को गर्मी प्रदान करती है। तिल-गुड़ की इसी विशेषता को ध्यान में रखते हुए मकर संक्रांति पर इनका सेवन किया जाता है। संक्रांति के समय तिल-गुड़ के सेवन से मौसमी बीमारियों से रक्षा हो सकती है। तिल का करें दान

संक्रांति पर तिल खाने और तिल का दान करने का विशेष महत्व है। तिल के दान से कुंडली के कई दोष दूर होते हैं। विशेष रूप से कालसर्प दोष, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अलावा राहु-केतु का दोष को दूर करने के लिए लिए तिल का दान किया जाता है। साथ ही पितरों की शांति व मोक्ष के लिए खिचड़ी का दान करना विशेष महत्व रखता है। इसके अलावा प्रत्येक व्यक्ति अपनी राशि अनुसार विशेष वस्तु का दान कर पुण्य लाभ प्राप्त कर सकता है। इसमें मुख्य रुप से तांबे की वस्तु, चावल, चीनी व पीली वस्तुएं शामिल हैं।

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