कोरंटाडीह पंप कैनाल में उगे झाड़-झंखाड़
जागरण संवाददाता, भरौली (बलिया) : ¨सचाई की सुविधा उपलब्ध कराने वाला आठ किलोमीटर लंबा कोरंटाडीह पंप कै
जागरण संवाददाता, भरौली (बलिया) : ¨सचाई की सुविधा उपलब्ध कराने वाला आठ किलोमीटर लंबा कोरंटाडीह पंप कैनाल मात्र दो किलोमीटर में ही सिमट कर रह गया है। नहर में झाड़-झंखाड़ उग आए हैं। साथ ही पानी की आपूर्ति नहीं होने से इससे जुड़े किसानों के समक्ष फसलों की ¨सचाई को लेकर विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह नहर बलिया जनपद में पड़ती है जबकि अधिशासी अभियंता गाजीपुर की देखरेख में चलाई जाती है। शासन की मंशानुसार भीषण गर्मी को देखते हुए नहर विभाग को आदेशित किया गया था कि उक्त नहर में पानी भरा होना चाहिए ताकि पशुओं के लिए भी सहारा बन सके। जबकि इस आदेश का विभाग पर कोई असर नहीं है। इस क्षेत्र में सबसे अधिक हिरण, राष्ट्रीय पक्षी मोर, नीलगाय जानवर पाए जाते हैं। इसके अलावा अन्य पशु पक्षी भी पानी के मोहताज हैं। नहर में जंगल जैसी घास उग गई हैं। प्रत्येक वर्ष सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। अधिशासी अभियंता गाजीपुर से बात करने पर किसानों को आश्वासन देकर टालमटोल कर दिया जाता है। भीषण गर्मी में किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या धान की बीज डालने को लेकर है। इस नहर में महीनों से जलापूर्ति नहीं हो रही है। इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रदीप यादव जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दे चुके हैं लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। किसान कल्लू यादव का कहना है अगर समय से नहर नहीं चली तो किसान धान की बीज नहीं लगा पाएंगे। वहीं मालिक पहलवान द्वारा बताया गया कि इस नहर के जूनियर इंजीनियर अधिशासी अभियंता केवल लूट-खसोट के लिए कार्य करते हैं। वह जानते हैं कि यहां के किसान विवश हैं कुछ नहीं कर सकते।