फाइलों में उद्योग, धरातल पर फरेब, छह आवंटन निरस्त

जागरण संवाददाता बलिया जिले में उद्योग बसाने के नाम पर जमकर खेल हुआ है। यहां उद्योग स्थापि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 03:16 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 03:16 PM (IST)
फाइलों में उद्योग, धरातल पर फरेब, छह आवंटन निरस्त
फाइलों में उद्योग, धरातल पर फरेब, छह आवंटन निरस्त

जागरण संवाददाता, बलिया : जिले में उद्योग बसाने के नाम पर जमकर खेल हुआ है। यहां उद्योग स्थापित हुए नहीं, लेकिन कागज पर प्लाट आवंटित कर दिए गए। सरकारी मंशा के साथ फरेब किया गया। जिले के मिनी औद्योगिक क्षेत्र माधोपुर में छह आवंटी ऐसे पकड़ में आए हैं, जिन्हें दशक भर पहले प्लाट तो आवंटित कर दिया गया, लेकिन वहां कोई उद्योग नहीं चालू हुआ। अनाधिकृत रुप से उनका प्लाटों पर कब्जा किया गया है। ऐसे छह जमीनों का आवंटन उद्योग विभाग ने निरस्त कर दिया है। 25 अक्टूबर को हुई जिला उद्योग बंधु की बैठक में कार्रवाई पर अंतिम सहमति भी बन गई है। कब्जा खाली करने के लिए जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त श्रवण कुमार सिंह ने पुलिस अधीक्षक और रसड़ा पुलिस को पत्र भी लिख दिया है। कार्रवाई से अवैध आवंटियों में हलचल तेज हो गई है। ----------------

एक सप्ताह में खाली करनी होगी चल-अचल संपत्ति

जिन लोगों का आवंटन निरस्त किया गया है, उन भूखंडों पर मौजूद चल-अचल संपत्ति को एक सप्ताह के अंदर खाली करने का अल्टीमेटम भी जारी किया गया है। जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र ने इस संबंध में नोटिस जारी किया है। इस आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर पुलिस की मदद से भूखंड खाली करने व प्रापर्टी जब्तीकरण की कार्रवाई होगी। ----------------

इनके भूखंड किए गए निरस्त

-- सांई ट्रेडर्स, छितौनी नगरा रोड, रसड़ा

-- मां पार्वती इंटरप्राइजेज, ए-3 माधोपुर

-- जय अंबे बेबरेज, सी 15 माधोपुर

-- एलडी इंडस्ट्रीज, सी 3 माधोपुर

-- एनपी इंडस्ट्रीज, सी 2 माधोपुर

-- अर्जुन इंटरप्राइजेज, माधोपुर

------------------ कोट

अवैध ढंग से आवंटन को निरस्त कर दिया गया है। उन्हें अंतिम मोहलत दी गई थी, लेकिन आधा दर्जन लोग अपना पक्ष नहीं रखे। इस पर कार्रवाई कर दी गई है।

-- श्रवण कुमार सिंह, उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र जिला उद्योग बंधु की बैठक में कार्रवाई की सहमति बन गई है। आवंटियों को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया गया है, लेकिन बहुतों ने अपना पक्ष भी नहीं रखा।

-- प्रवीण कुमार वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी

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