गंगा के तटवर्ती इलाके में जारी है अवैध खनन, प्रशासन मौन
उच्च न्यायालय से खनन पर रोक के बावजूद गंगा के तटवर्ती इलाकों में सफेद बालू व मिट्टी का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। जहां गंगा नदी के कटान से बरसात में तबाही जैसी स्थिति हो जाती है। प्रति वर्ष सैकड़ों लोग कटान के कारण बेघर होकर सड़कों-बंधों पर शरण लिए हुए हैं। प्रशासन सब कुछ जानकर भी अनजान बना हुआ है।
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया): उच्च न्यायालय से खनन पर रोक के बावजूद गंगा के तटवर्ती इलाकों में सफेद बालू व मिट्टी का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। जहां गंगा नदी के कटान से बरसात में तबाही जैसी स्थिति हो जाती है। प्रति वर्ष सैकड़ों लोग कटान के कारण बेघर होकर सड़कों-बंधों पर शरण लिए हुए हैं। प्रशासन सब कुछ जानकर भी अनजान बना हुआ है। क्षेत्र के दूबेछपरा, रिकनी छपरा, उदई छपरा सहित गंगा के तटवर्ती इलाकों में अंधाधुंध अवैध खनन जारी है। बरसात के दिनों में दुबेछपरा, गोपालपुर, उदई छपरा आदि को कटान से बचाने के लिए लगभग 29 करोड़ रुपये की लागत से कटानरोधी कार्य हुआ था। अब इन्हीं कटानरोधी कार्य स्थलों के बगल में सफेद बालू व मिट्टी का अवैध खनन जारी है। ग्रामीणों द्वारा कई बार इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से कर चुके हैं लेकिन कोई सक्षम अधिकारी अवैध खनन रोकने को गंभीर नहीं है। खनन अधिकारी तक ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी बलिया से हस्तक्षेप करते हुए तत्काल अवैध उत्खनन पर रोक लगाने की मांग की है। ---वर्जन----
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। खनन अधिकारी को पत्र भेज रहा हूं और स्वयं भी मौके का निरीक्षण कर अवैध खनन रोकने की कार्रवाई करूंगा।
-लालबाबू दूबे, एसडीएम