तुर्तीपार हेड पर चेतावनी लेबल के करीब घाघरा

नदी के जलस्तर में यहां बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ धीमी जरूर हुई है लेकिन सिकंदरपुर क्षेत्र में घाघरा का ब

By Edited By: Publish:Wed, 01 Jul 2015 12:57 AM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2015 12:57 AM (IST)
तुर्तीपार हेड पर चेतावनी लेबल के करीब घाघरा

नदी के जलस्तर में यहां बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ धीमी जरूर हुई है लेकिन सिकंदरपुर क्षेत्र में घाघरा का बढ़ाव शाम को 24 घंटे में चार फीट दर्ज किया गया। इसी के साथ तटवर्ती इलाके में कटान का सिलसिला तेज हो जाने से इलाकाई लोगों की परेशानी बढ़ गई है। उधर तहसील सिकंदरपुर अंतर्गत डूहा बिहरा के बनखंडी मठ की दीवारों से घाघरा महज दो फीट पीछे रह गई है। जयप्रकाशनगर के अठगांवा में भी सप्ताह भर पहले जीईओ बैग डालने के लिए जो स्लोव बनाए गए थे वे पूरी तरह डूब गए हैं।

बिल्थरारोड : घाघरा काजलस्तर बढ़ने के कारणतटवर्ती इलाकों में दहशत बढ़ रही है। क्षेत्र के चैनपुर, मठिया व गुलौरा गांव के तटवर्ती क्षेत्रों में कटान तेज हो गई है। हाल यह है कि 24 घंटे में करीब तीन फीट की चौड़ाई में करीब करीब एक सौ मीटर भूमि नदी में समा गई। केंद्रीय जल आयोग के जेई धीरेंद्र यादव ने बताया कि तुर्तीपार डीएसपी हेड

पर दोपहर एक बजे नदी का जलस्तर चेतावनी ¨बदु 63.010 मीटर के सापेक्ष

62.850 मीटर रहा।

सिकंदरपुर : घाघरा इलाके में तबाही की इबारत लिखने लगी है। डूहा बिहरा के बनखंडी मठ पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। यहां नदी मठ से मात्र दो फीट दूर रह गई है। मठ की सुरक्षा के लिए रखी गईं बालू भरी बोरियां घाघरा में समा गई हैं। निरोधक कार्यो के लिए रखी गई तीन सौ ट्राली मिट्टी भी नदी में समा गई। इसके साथ ही दियारा सीसोटार में भी कटान तेज है। नदी के बढ़ाव की स्थिति अगर आगे भी ऐसी ही रही तो घाघरा पेटे से बाहर निकल दियारे के खेतों को लबालब कर देगी।

रेवती : घाघरा के जलस्तर में एकाएक वृद्ध से टीएस बंधा के समीपवर्ती दर्जनों गावों के लोगों में संभावित बाढ़ व कटान को लेकर दहशत है। बंधे पर मौजूद अवर अभियंता आरबी ¨सह ने बताया कि 24 घंटे में यहां नदी करीब डेढ़ फीट बढ़ी है। पानी बढ़ने से दतहां से पश्चिम निरोधात्मक काम बंद कर दिया गया है।

यहां घाघरा खतरनाक

जयप्रकाशनगर : इब्राहिमाबाद नौबरार (अठगांवा) में घाघरा दो दिनों के अंदर कुछ ज्यादा ही बेकाबू होने लगी है। इसको लेकर यहां सैकड़ों घरों की तबाही देख चुके गांव के लोग दहशत में हैं। उन्हें यह डर सता रहा है कि कहीं घाघरा पिछले वर्ष का किस्सा न दोहरा दे। दरअसल अठगांवा विगत चार साल से लगातार घाघरा से तबाह हो रहा है। वर्ष 2013 तक घाघरा यहां किसानों के उपजाऊ जमीनों को निगलने का काम करती रही। वर्ष 2014 में यहां घाघरा ने तबाही की ऐसी घंटी बजाई कि तीन सौ से भी अधिक घर घाघरा में देखते ही देखते समाहित हो गए। पिछले वर्ष भी मकानों के गिरने का सिलसिला जून से ही शुरू हुआ था। तब भी यहां जो कुछ भी हुआ वह फाइ¨टग के तौर ही किया गया।

अधीक्षण अभियंता ने अठगांवा का किया निरीक्षण

जयप्रकाश नगर : घाघरा के तेवर यदि इसी तरह तल्ख होते गए तो यहां कोई भी कटानरोधी कार्य

कराना असंभव हो जाएगा। इस गांव के निवासी कहते हैं कि यही कार्य यदि दो

माह पूर्व शुरू हो गया होता तो यह प्रयोग हर हाल में सफल होता। अब तो यहां

स्थिति बिगड़ने के दिन शुरू हो चले हैं। उधर बाढ़ खंड के अधीक्षण अभियंता अवधराज यादव, अधिशासी अभियंता राजनाथ यादव, सहायक अभियंता योगेंद्र यादव ने मंगलवार को इब्राहिमाबाद नौबरार पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। कहा कि कार्य में कुछ विलंब जरूर हुआ है ¨कतु यहां संसाधनों के बल पर हम हर हाल में कटान को काबू में करने का प्रयास करेंगे। 50 मीटर की दूरी में कार्य नहीं होने पर ग्रामीणों में उबाल है। इब्राहिमाबाद नौबरार में ही सुफल टोला के ग्रामीणों में अरुण ¨सह, सुरेंद्र ¨सह, र¨वद्र ¨सह, त्रिभुवन ¨सह, श्रीमोहन पांडेय, साभा ¨बद आदि ने आरोप लगाया कि उनके घरों के सामने लगभग 50 मीटर में कटानरोधी कार्य नहीं कराए जाने की बात ठेकेदार बता रहे हैं। जब वहां मौजूद अभियंता आरबी ¨सह से पूछा गया तो उन्होंने इस तरह की किसी भी बात से इंकार किया। कहा कि यहां लगभग 1390 मीटर में कटानरोधी कार्य कराना है, इसके बीच में कहीं गैप नहीं छोड़ा जाएगा।

गंगा के जलस्तर में भी वृद्धि

दोकटी : गंगा के जलस्तर में लगातार चौथे दिन भी वृद्धि का सिलसिला जारी रहा। वे लोग अभी से ही सुरक्षित आशियाना ढूंढने में लग गए हैं। ग्राम पंचायत शिवपुर कपूर दीयर के सेमरिया डेरा, मझरोट बस्ती, ¨बद बस्ती, उत्तरी भुसौला, नरदरा, शेष जगदीशपुर व दलित बस्ती दामोदरपुर में कटान का दबाव बढ़ने लगा है।

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