झमाझम बारिश से लोगों को मिली राहत

तीन मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई गन्ने की फसल को फायदा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Jul 2022 10:24 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jul 2022 10:24 PM (IST)
झमाझम बारिश से लोगों को मिली राहत
झमाझम बारिश से लोगों को मिली राहत

बहराइच : शनिवार को दोपहर बाद अचानक मौसम बदल गया। हवाएं चलने लगीं। कुछ ही पलों में आसमान में घने बादल छा गए और झमाझम बारिश शुरू हो गई। इससे गर्मी से काफी राहत मिली।

शहरी इलाके में करीब चार बजे बारिश शुरू हुई, जो काफी देर तक जारी रही। नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के मौसम विज्ञानी शंखमाधव त्रिपाठी ने बताया कि तीन मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। उनके मुताबिक रविवार को भी मध्यम बादल छाए रहने एवं हल्की वर्षा होने की संभावना है।

महसी, भगवानपुर, रमपुरवा, गंगापुरवा, हरदी, समेत आसपास के इलाकों में बारिश हुई। गिरजेश मिश्र, रामकुमार, प्यारेलाल समेत अन्य किसानों का कहना है कि बारिश से धान की रोपाई में मदद मिलेगी। पंप सेट से खेत में पानी कम भरना पड़ेगा। बारिश से गन्ना किसानों को फायदा पहुंचा है। निकले स्तर वाले खेतों में लगी मेंथा की फसल को नुकसान की संभावना है।

धान की रोपाई का उचित समय

बहराइच: कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डा. बीपी शाही ने बताया कि मोटे धान की रोपाई का उपयुक्त समय सात जुलाई तक एवं सुगंधित प्रजाति की रोपाई 15 जुलाई तक की जा सकती है। अधिक उपज के लिए किसानों को 120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस, 60 किलोग्राम पोटाश एवं 15 किलोग्राम जिक प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए। यूरिया की आधी मात्रा, फास्फोरस, पोटाश एवं मोनो जिक की पूरी मात्रा बोआई से पहले देना चाहिए। खैरा रोग से बचाव के लिए पांच किलोग्राम जिक सल्फेट एवं 2.5 किलोग्राम बुझा हुआ चुना 500 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। रोटावेटर का प्रयोग करने के छह घंटे बाद ही धान की रोपाई की जानी चाहिए। किसान धान की सीधी बोआई के लिए ड्रम सीडर, मल्टी क्राप व जीरो सीड ड्रिल का प्रयोग कर सकते हैं।

जलस्तर घटने से तटवर्ती ग्रामीणों को मिली राहत

पहाड़ों पर हुई भीषण बारिश से दो दिनों तक बढ़ने के बाद शनिवार से घाघरा का जलस्तर घटने लगा है। इससे तटवर्ती ग्रामीणों को राहत मिली है। सिचाई विभाग के सहायक अभियंता बीबी पाल ने बताया कि शनिवार को शारदा बैराज से 23 हजार 445, गिरिजापुरी बैराज से एक लाख तीन हजार 367 व सरयू बैराज से 883 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

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