मां का दूध नौनिहाल के दस्त का इलाज
बहराइच : डायरिया से प्रभावित बच्चों के लिए मां का दूध रामबाण है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का क
बहराइच : डायरिया से प्रभावित बच्चों के लिए मां का दूध रामबाण है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि डायरिया से बच्चों की मौत नहीं होती, बल्कि शरीर में तरल पदार्थ व पोषक तत्वों की कमी मुख्य कारण होती है। ऐसी दशा में मां का दूध निर्जलीकरण की भरपाई करेगा। खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डायरिया के फैलने व चपेट में आकर बच्चों की मौत पर अंकुश लगाने के लिए सही प्रबंधन जरूरी है।
चिकित्सकों का कहना है कि दस्त के कारण से मृत्यु नहीं होती, बल्कि दस्त के दौरान शरीर में होने वाली पानी की कमी मृत्यु का कारण बनता है। निर्जलीकरण मरीज को पूरी तरह कमजोर बना देता है। विशेष रूप से बच्चों के मामले में तरल पदार्थ और सूक्ष्म पोषक तत्वों कमी जटिलता का कारण बन सकता है, जिसके काफी घातक परिणाम हो सकते हैं। दस्त से प्रभावित बच्चे को ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) के साथ ¨जक की गोलियां व पर्याप्त पोषण देने की जरूरत है। दस्त के दौरान बच्चे को स्तनपान कराना सबसे बेहतर उपाय है, क्योंकि इससे बच्चे को पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं और संक्रमण का खतरा भी कम होता है। बालरोग विशेषज्ञ डॉ. एहतिशाम अली का कहना है कि दस्त को सुरक्षित पेयजल, सही तरीके से हाथ धोकर, स्वच्छता बनाये रखकर, नियमित टीकाकरण करवाकर, स्तनपान व उचित पोषण देकर रोका जा सकता है। 15 फीसद बच्चे दस्त का शिकार
प्रदेश में हर साल 15 फीसदी बच्चे डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक पांच आयुवर्ग से कम के 1000 बच्चों में 36 बच्चों की मौत का कारण डायरिया है। इसका रखें ध्यान छह महीने तक कराए स्तनपान बच्चे को संपूरक आहार दे विटामिन-ए सप्लीमेंट दें स्वच्छ पेयजल का करें प्रयोग बच्चों का समय पर कराएं टीकाकरण ¨जक के साथ ओआरएस दें